अदाणी लाजिस्टिक पार्क के सामने चार घंटे बैठे रहे प्रदर्शनकारी
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी बृहस्पतिवार को पातली रेलवे स्टेशन के नजदीक अदाणी लाजिस्टिक पार्क के सामने रेलवे ट्रैक पर घंटों बैठे रहे। इस दौरान लाजिस्टिक पार्क के भीतर से न मालवाहक ट्रेनें बाहर निकलीं और न ही अंदर गईं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी बृहस्पतिवार को पातली रेलवे स्टेशन के नजदीक अदाणी लाजिस्टिक पार्क के सामने रेलवे ट्रैक पर चार घंटे बैठे रहे। इस दौरान लाजिस्टिक पार्क के भीतर से न मालवाहक ट्रेनें बाहर निकलीं और न ही अंदर गईं। बीच में कुछ मिनट के लिए दिल्ली-रेवाड़ी रूट पर भी प्रदर्शनकारी पहुंच गए थे लेकिन पुलिसकर्मियों ने समझा-बुझाकर हटा दिया। कुल मिलाकर गुरुग्राम में कहीं भी प्रदर्शन की वजह से दिल्ली-रेवाड़ी रूट पर ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित नहीं हुई। प्रदर्शनकारी निर्धारित जगह पर ही प्रदर्शन करें इसके लिए गुरुग्राम पुलिस एवं जीआरपी थाना पुलिस के बड़ी संख्या में जवान तैनात थे। महिला पुलिसकर्मी भी बड़ी संख्या में तैनात थीं। गुरुग्राम पुलिस की ओर से पटौदी इलाके के सहायक पुलिस आयुक्त बीर सिंह जबकि जीआरपी की ओर से थाना प्रभारी भूपेंद्र सिंह ने मोर्चा संभाल रखा था।
बृहस्पतिवार को दोपहर 12 बजते ही गुरुग्राम के राजीव चौक पर पिछले कई दिनों से धरने पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा के लोग पातली रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए थे। लगभग सवा 12 बजे सभी स्टेशनों के नजदीक अदाणी लाजिस्टिक पार्क के सामने रेलवे ट्रैक पर बैठ गए थे। कुछ देर बाद प्रदर्शनकारी अचानक उठे और दिल्ली-रेवाड़ी रूट पर पहुंच गए। उन्होंने ट्रैक पर बैठने का प्रयास किया लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों एवं प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई। पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझा कर शांत कर दिया। रेलवे ट्रैक के पास ही गांव वालों की तरफ से चाय की व्यवस्था की गई थी। प्रदर्शनकारी वहां चाय पीने लगे। ऐसा लगा जैसे प्रदर्शन खत्म हो गया लेकिन कुछ ही मिनट बाद सभी फिर अदाणी लाजिस्टिक पार्क के सामने जाकर बैठ गए। प्रदर्शन खत्म होने के लिए तय समय शाम के चार बजते ही सभी चले गए
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता संतोख सिंह एवं पूर्व निगम पार्षद गजे सिंह कबलाना ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा। उनका उद्देश्य अदाणी लाजिस्टिक पार्क से मालवाहक ट्रेनों की आवाजाही रोकना था, उसमें वे लोग सफल रहे। केंद्र सरकार हठधर्मिता छोड़कर बातचीत शुरू करे। बातचीत से किसी भी समस्या का समाधान हो सकता है। तीनों कृषि कानून पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाए गए हैं। सरकार पूंजीपतियों पर मेहरबान है। पातली रेलवे स्टेशन पर अदाणी लाजिस्टिक पार्क के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध हैं। पार्क के लिए प्राइवेट रेलवे लाइन डाली हुई है दूसरी तरफ गांव के लोगों के लिए रेलवे स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज तक नहीं है।
प्रदर्शन में अटलबीर कटारिया, अभय पूनिया, विग कमांडर एमएस मलिक, भीम आर्मी से धर्मबीर परवाल, ऊषा सरोहा, बलवान सिंह दहिया, योगेश्वर दहिया, चिरंजीलाल, धर्मबीर मलिक, राम अदलखा, हरि सिंह चौहान, सुभाष अदलखा, विजय यादव, ईश्वर पहलवान, आशा सिंह, अमित पंवार, पूर्व सरपंच श्रीराम, राजबीर शर्मा, चौधरी धर्मपाल, कृष्ण पंडित, धर्मबीर राठी, विजय लाखड़ा, सतबीर सिंह सिधु, मनोज झाड़सा, अजीत सिंह, दलबीर सिंह सहित काफी संख्या में लोग शामिल हुए। स्थानीय लोग भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
महिलाओं ने गीत गाकर विरोध जताया
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने गीत गाकर कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। नारेबाजी करने में महिलाएं आगे दिखाई दीं। यही नहीं दिल्ली-रेवाड़ी रूट पर ट्रेन रोकने के लिए महिलाएं ही पहले पहुंची थीं। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य अभय पूनिया ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर पूरे देश में गुस्सा है। केंद्र सरकार अपना फैसला वापस ले। जिले में कहीं भी प्रदर्शन की वजह से ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित नहीं हुई। इसके लिए सभी जगह काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इलाके के सभी सहायक पुलिस आयुक्तों ने भी मोर्चा संभाल रखा था।
-केके राव, पुलिस आयुक्त, गुरुग्राम