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डीएलएफ फेज पांच के कूड़ा छंटाई केंद्र में किया विरोध प्रदर्शन

इको ग्रीन द्वारा बनाए गए गारबेज ट्रांसफर स्टेशन में मिले जुले कूड़े से एमआरएफ (मल्टी रियूज फैसलिटी)तैयार की जा रही है। गुरुग्राम में अतुल कटारिया चौक, राजीव चौक स्थित बेरी वाला बाग और डीएलएफ फेज पांच में पारस अस्पताल के पास ऐसे केंद्र बनाए गए हैं जहां कूड़ा जमा होता है और मशीन की मदद से उसका एमआरएफ बनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 04:16 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 06:39 PM (IST)
डीएलएफ फेज पांच के कूड़ा छंटाई केंद्र में किया विरोध प्रदर्शन
डीएलएफ फेज पांच के कूड़ा छंटाई केंद्र में किया विरोध प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: इको ग्रीन द्वारा बनाए गए कूड़ा छंटाई केंद्र (गारबेज ट्रांसफर स्टेशन) में मिले-जुले कूड़े से खाद बनाने की तैयारी का लोगों ने विरोध किया है। इन केंद्रों में मिले-जुले कूड़े से एमआरएफ (मल्टी रियूज फेसलिटी) यानी कूड़े को संघनित किया जा रहा है, जिसका प्रयोग खाद बनाने में होगा। गुरुग्राम में अतुल कटारिया चौक, राजीव चौक स्थित बेरी वाला बाग और डीएलएफ फेज पांच में पारस अस्पताल के पास ऐसे केंद्र बनाए गए हैं जहां कूड़ा जमा होता है और मशीन की मदद से उसका एमआरएफ बनाया जा रहा है।

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रविवार को नए गुरुग्राम के लोगों ने पारस अस्पताल के पास कूड़ा छंटाई केंद्र पर जाकर विरोध प्रदर्शन किया। लोगों का कहना था कि यह प्रक्रिया पर्यावरण में प्रदूषण को बढ़ाने वाली है। जब नगर निगम ने घरों में कूड़े की छंटाई को लेकर निर्देश जारी किए हैं तो फिर यहां मिले-जुले कूड़े यानी जिसमें सेनेटरी वेस्ट, हैजार्डस वेस्ट, ई वेस्ट सब शामिल है, उससे खाद बनाए जाने के लिए एमआरएफ क्यों तैयार किया जा रहा है? सिटिजन फॉर क्लीन एयर, व्हाई वेस्ट योअर वेस्ट के कार्यकर्ता और कुछ आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से रुचिका सेठी टक्कर, भावना, अजय नायर, कविता बंसल, सोना चटर्जी, ममता अग्रवाल, शशि भूषण समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे।

गुरुग्राम में 32 सोसायटी ऐसी हैं, जहां वेस्ट सेग्रिगेशन यानी कूड़े की छंटाई घरों में कर हरित कचरे और रसोई के कचरे से सामुदायिक स्तर पर खाद बन रही है। मिले-जुले कूड़े से बनी खाद पर्यावरण के लिए हानिकारक है। इन केंद्रों में मिले-जुले कूड़े को मिलाया जा रहा है।

- सोना चटर्जी, सिल्वर ओक्स सोसायटी मिले-जुले कूड़े को संघनित कर जो तरीका इको ग्रीन के सेंटर में अपनाया जा रहा है, वह सर्वथा अवैज्ञानिक है। इससे प्रदूषण फैलेगा। हम लोगों की सोसायटी में घरों में कूड़े को अलग-अलग कर खतरनाक, रिसाइकिल किए जाने लायक कूड़ा खाद बनाए जाने वाले कूड़े से अलग किया है।

- अजय नायर, वास्तु सोसायटी हम लोगों ने कूड़े को छांटने के लिए बनाए गए ट्रांसफर स्टेशन का दौरा कर अध्ययन किया। वैज्ञानिकों और इस क्षेत्र में काम करने वाले विशेषज्ञों की भी राय है कि यह तरीका गलत है। इसमें सभी तरह के कूड़े को एक साथ मिलाया जा रहा है। हमारी मांग है कि कूड़े की छंटाई घरों में ही होकर बाहर निकाला जाए।

- विभा बत्रा, व‌र्ल्ड स्पा ट्रांसफर सेंटर में जो मिले जुले कूड़े में आर्सेनिक, लेड जैसी चीजें मिल रही हैं। अगर इससे खाद बननी है तो यह जमीन के लिए बहुत ही खतरनाक किस्म की खाद होगी। जब नगर निगम घरों में कूड़ा छांटने और सोसायटियों में किचन वेस्ट से खाद बनाए जाने के नियम लागू करने की घोषणा कर चुका है, तो हर घर में कूड़े की छंटाई अनिवार्य की जानी चाहिए।

- रुचिका सेठी टक्कर, निर्वाणा कंट्री


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