सुशिक्षित समाज :: विलक्षण प्रतिभाओं को नि:शुल्क शिक्षा देकर सही राह दिखा रहे हैं प्रदीप
'जलाने वाले जलाते ही हैं चराग आखिर, ये क्या कहा कि हवा तेज है जमाने की ।' मशहूर शायर जमील मजहरी के इस शेर को चरितार्थ करने में जुटे हैं साइबर सिटी के 41 वर्षीय प्रदीप कौशिक। प्रदीप पिछले आधे दशक से क्षेत्र के विलक्षण प्रतिभा व जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर सही राह दिखा रहे हैं। सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स पुणे से एमबीए प्रदीप के विलक्षण प्रतिभा वाले विद्यार्थियों में गूगल ब्यॉय कौटिल्य और वंडर गर्ल जाह्नवी पवार भी शामिल हैं। इन दिनों उनके पांच वर्षीय शिष्य ऋषि की याददाश्त क्षमता ने भी सभी को हैरान किया हुआ है।
हंस राज, नया गुरुग्राम
'जलाने वाले जलाते ही हैं चराग आखिर, ये क्या कहा कि हवा तेज है जमाने की।' मशहूर शायर जमील मजहरी के इस शेर को चरितार्थ करने में जुटे हैं साइबर सिटी के 41 वर्षीय प्रदीप कौशिक। प्रदीप पिछले आधे दशक से क्षेत्र की विलक्षण प्रतिभा व जरूरतमंद बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देकर सही राह दिखा रहे हैं। सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (पुणे) से एमबीए प्रदीप के विलक्षण प्रतिभा वाले विद्यार्थियों में गूगल ब्वॉय कौटिल्य और वंडर गर्ल जाह्नवी पवार भी शामिल हैं। इन दिनों उनके पांच वर्षीय शिष्य ऋषि की याददाश्त क्षमता ने भी सभी को हैरान किया हुआ है। गूगल ब्वॉय कौटिल्य से हुई थी सफर की शुरुआत
बकौल प्रदीप करनाल के गांव कोहन निवासी कौटिल्य के साथ ही उनके सफर की शुरुआत हुई थी, जिसके बाद क्षेत्र की विलक्षण प्रतिभा को निखारने का सिलसिला जारी है। अचूक याददाश्त के कारण गूगल ब्वॉय कौटिल्य की सफलता का सबसे बड़ा कारण यही रहा कि अभिभावकों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी कभी उसकी मार्कशीट पर ध्यान नहीं दिया और अंक के दबाव में बचपन नहीं खोने दिया। वंडर गर्ल जाह्नवी बढ़ा रही मान
महज 13 साल की उम्र में 12वीं पास कर देश की वंडर गर्ल बनी जाह्नवी ने भी प्रदीप के दिशा-निर्देश में ही शिक्षा हासिल की है। मूलरूप से पानीपत के गांव समालखा निवासी जाह्नवी यूरोपियन, अमेरिकन, ब्रिटिश, फ्रेंच व जापानी समेत 13 भाषाओं में धाराप्रवाह बोलती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने आठ राज्यों के आइएएस अफसरों को संबोधित कर चुकी जाह्नवी अपनी प्रतिभा के कारण राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने गुरु का मान बढ़ा रही है। अब ऋषि की हो रही है चौतरफा चर्चा
प्रदीप के विलक्षण प्रतिभा वाले विद्यार्थियों की कड़ी में नया नाम पांच वर्षीय ऋषि है, जिसकी याददाश्त क्षमता लोगों को प्रभावित कर रही है। पहली कक्षा के विद्यार्थी ऋषि को न केवल रामायण और महाभारत के श्लोक याद हैं, बल्कि देश की संस्कृति, भूगोल और गणित के अलावा केंद्रीय कैबिनेट और प्रदेश कैबिनेट पर भी विशेष पकड़ है। राजीव कॉलोनी निवासी ऋषि को भी प्रदीप नि:शुल्क पढ़ा रहे हैं और बेहतर परवरिश में मदद कर रहे हैं। माहौल बनाता है बच्चों को विलक्षण
विलक्षण प्रतिभा वाले बच्चों पर नि:शुल्क व निस्वार्थ मेहनत करने वाले प्रदीप कौशिक कहते हैं कि बच्चों को बेहतर माहौल ही विलक्षण बनाता है। बेहतर माहौल के लिए बच्चों और अभिभावकों के बीच आपसी समझ जरूरी है। इससे बच्चे प्रतिभाशाली तो बनते ही हैं साथ ही सामाजिक जीवन में भी कामयाब होते हैं। उन्होंने कहा कि हर बच्चे में कौटिल्य, जाह्नवी और ऋषि सा दिमाग है। हर बच्चा विलक्षण है। जरूरत है तो बस उसके भीतर छिपी प्रतिभा को पहचानने की और प्रेरित करने की।