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हर सांस में घुला जहर, प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकार नहीं दिखती गंभीर

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेकर डब्ल्यूएचओ व अमेरिका का पर्यावरण संरक्षण संगठन (ग्रीन पीस) से गुरुग्राम देश का सबसे प्रदूषित शहर होने का तमगा दो साल पहले ले चुका है लेकिन मजाल है कोई सुधार हुआ हो।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 02:32 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 02:32 PM (IST)
हर सांस में घुला जहर, प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकार नहीं दिखती गंभीर

अनिल भारद्वाज, गुरुग्राम

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेकर डब्ल्यूएचओ व अमेरिका का पर्यावरण संरक्षण संगठन (ग्रीन पीस) से गुरुग्राम देश का सबसे प्रदूषित शहर होने का तमगा दो साल पहले ले चुका है लेकिन मजाल है कोई सुधार हुआ हो। किसी ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए ठोस कदम उठाए हों। सरकार ने वायु प्रदूषण कम करने के लिए डीजल आटो बंद करने की घोषणा जरूर की है लेकिन बाद में पीछे हट गई। शहर के लोग पिछले कई वर्ष से जहरीली हवा में सांस लेने के लिए मजबूर हैं लेकिन इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए सरकार गंभीर नहीं है।

शुक्रवार इस सीजन का सबसे ज्यादा प्रदूषण वाला दिन रहा। प्रदूषण की स्थिति देखते हुए तय है कि हर वर्ष की तरह इस सीजन में भी पूरी सर्दी लोगों को जहरीली हवा में सांस लेना ही होगा। शुक्रवार को सुबह 8 बजे 380 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया और दिन में 11 बजे 385 पीएम 2.5 दर्ज किया गया। यह इस सीजन का सबसे ज्यादा प्रदूषित दिन रहा। जैसे-जैसे दिन बढ़ता रहा वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता रहा। दोपहर 12 बजे 393 पीएम 2.5 और 1 बजे 397 पीएम 2.5 दर्ज किया गया। शहर में शुक्रवार को लघु सचिवालय के आसपास 334 पीएम 2.5, गांव ग्वाल पहाड़ी के पास 291 पीएम 2.5, सेक्टर 51 के पास 393 पीएम 2.5 व फरीदाबाद -गुरुग्राम रोड स्थित अरावली पहाड़ी में 174 पीएम 2.5 दर्ज किया गया। सड़कों को कराना होगा खाली :

प्रशासन को अगर शहर में वायु प्रदूषण का स्तर कम करना है तो सड़कों को रेहड़ी व आटो वालों से मुक्त रखना होगा। आज शहर में हर सड़क, चौक पर रेहड़ी व आटो वालों का कब्जा है। आटो चालक सड़क के बीच आटो खड़ा करके सवारियों का इंतजार करते हैं। यही हाल शहर से गांवों में जाने वाली निजी बसों का है। इससे यातायात बाधित होता है। जब यातायात बाधित होगा तो वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। समझ नहीं आता कि प्रशासन हर रोज की इस प्रक्रिया को क्यों नहीं समझ पाता और अमल नहीं कर पा रहा है। शहर के यातायात को चंड़ीगढ़ की तर्ज पर चलाना ही होगा।

डा. भरत सिंह बिश्नोई, पूर्व निदेशक स्वास्थ्य विभाग हरियाणा

वायु प्रदूषण कम करने के लिए सभी विभागों की जिम्मेदारी तय की हुई है और इसके लिए विभागों के साथ आमजन को भी काम करना होगा। प्रदूषण को मिलकर कम किया जा सकता है। आटो वाला पर पुलिस नकेल कसेगी।

कुलदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, गुरुग्राम, हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड


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