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हरियाणा के एनसीआर जिलों में फरवरी में शुरू होंगे ईंट भट्ठे

पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण की बैठक चेयरमैन डॉ. भूरे लाल की अध्यक्षता में हुई। डॉ. भूरे लाल ने कहा कि हरियाणा के एनसीआर जिला में 30 जून से बंद ईंट भट्ठे को अगले वर्ष फरवरी में शुरू कराया जाएगा। ईंट भट्ठो से निकलने वाला धुआ पर्यावरण में प्रदूषण को बढाता है और सर्दियों में प्रदूषण की वजह से सड़कों पर विजीब्लिटी कम हो जाती है। इसलिए अब ईंट भट्ठे 1 फरवरी से 30 जून तक ही चलाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिन ईट

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 06:51 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 06:51 PM (IST)
हरियाणा के एनसीआर जिलों में फरवरी में शुरू होंगे ईंट भट्ठे
हरियाणा के एनसीआर जिलों में फरवरी में शुरू होंगे ईंट भट्ठे

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम एवं नियंत्रण प्राधिकरण के चेयरमैन डॉ. भूरे लाल की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डॉ. भूरे लाल ने बताया कि हरियाणा के एनसीआर जिलों में 30 जून से बंद ईंट-भट्ठों को अगले वर्ष फरवरी में शुरू कराया जाएगा। ईंट-भट्ठों से निकलने वाला धुआं पर्यावरण में प्रदूषण को बढ़ाता है और सर्दियों में प्रदूषण की वजह से सड़कों पर विजिबिलिटी कम हो जाती है। इसलिए अब ईंट-भट्ठों 1 फरवरी से 30 जून तक ही चलाए जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिन ईट-भट्ठों पर जिगजैग तकनीक प्रयोग की जाती है, उन्हें चलाने की अनुमति होगी। जनरेटर चलाने के लिए बिजली विभाग से अनुमति लेनी होगी ताकि स्थिति साफ हो सके कि बिजली सप्लाई नहीं होने के कारण जनरेटर से बिजली की पूर्ति की जा रही है। सर्दी में कोहरा कम रहे, इसके लिए जिला स्तर पर सख्ती अपनाने की जरूरत है।

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डॉ. भूरे लाल ने कहा कि कहीं भी कचरा जलता हुआ नजर आए तो सबसे पहले उस पर पानी डालकर आग को बुझाएं, उसके बाद ही जलाने के लिए दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करें। फसल अवशेष जलाने के बजाय उसमें थोड़ा पानी छोड़कर उसे खेत में जोत करने से फायदा मिलता है। इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के करनाल, सोनीपत, पानीपत, कैथल, कुरुक्षेत्र आदि ज्यादा धान उत्पादक जिलों के उपायुक्तों को अधिक सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए। सीएंडडी वेस्ट और भवनों की तोड़फोड़ से उत्पन्न होने वाले मलबे को सीएंडडी वेस्ट प्लांट के लिए निर्धारित स्थान पर पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए।

गुरुग्राम, फरीदाबाद तथा यहां तक कि दिल्ली-चंडीगढ़ मार्ग पर मलबा इधर-उधर फेंका हुआ नजर आता है। उन्होंने कहा कि मलबा निर्धारित स्थान पर नहीं डालने वालों को निर्माण की अनुमति ही ना दी जाए। निर्माण सामग्री जैसे बजरी, रेती आदि को ढककर या पानी छिड़ककर रखा जाए। शहरों में पैदल यात्रियों के लिए बने फुटपाथ तथा अन्य रास्ते अतिक्रमण मुक्त हों और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के ईस्टर्न पेरिफेरल रोड (ईपीआर) बनकर तैयार हो चुका है और वेस्टर्न पेरिफेरल रोड (डब्ल्यूपीआर) अर्थात केएमपी एक्सप्रेस-वे भी जल्द तैयार होने को है। केएमपी एक्सप्रेस-वे खुलने के बाद पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि जिसे दिल्ली होते हुए अन्य शहरों में जाना है, वह केएमपी एक्सप्रेस-वे का प्रयोग करें। प्रशासन सुनिश्चित करे कि वाहनों को प्रदूषण सर्टिफिकेट प्रदान करने वाले सभी सेंटरों पर मशीनें ठीक काम कर रही हों।

इस मौके पर पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र ¨सह ने कहा कि गांव में फसल अवशेष नहीं जलाने को प्रेरित करने वाली पंचायत के लिए राज्य सरकार ने 50 हजार रुपये का इनाम भी रखा है। इसके अलावा हरसैक की मदद से सेटेलाइट के माध्यम से भी फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखी जाएगी। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव एस नारायणन, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पीके एमके दास, हरियाणा के एनसीआर जिला के उपायुक्त व पुलिस अधीक्षकों ने भी भाग लिया।


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