औद्योगिक क्षेत्रों में हो रियायती दर पर पीएनजी आपूर्ति का इंफ्रास्ट्रक्चर
वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली-एनसीआर की स्थिति काफी खराब है। जब भी इसका स्तर भयावह हो जाता है तो इंडस्ट्री के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ऐसी औद्योगिक इकाइयों को बंद कराने का फरमान तुरंत जारी कर दिया जाता है जिसमें कोयले एवं बायोमास से बायलर का संचालन होता है। इस प्रकार की स्थिति का इंडस्ट्री को बार-बार सामना नहीं करना पड़े इसके लिए सरकार को चाहिए कि वह गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्रों में रियायती रेट पर पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की आपूर्ति की व्यवस्था करे। ऐसा होगा तो इंडस्ट्री में कोयले व बायोमास का इस्तेमाल नहीं होगा। इससे किसी भी प्रकार के वायु प्रदूषण की संभावना खत्म हो जाएगी।
यशलोक ¨सह, गुरुग्राम
वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली-एनसीआर की स्थिति काफी खराब है। जब भी इसका स्तर भयावह हो जाता है तो इंडस्ट्री के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा ऐसी औद्योगिक इकाइयों को बंद कराने का फरमान तुरंत जारी कर दिया जाता है जिसमें कोयले एवं बायोमास से बायलर का संचालन होता है। इस प्रकार की स्थिति का इंडस्ट्री को बार-बार सामना नहीं करना पड़े इसके लिए सरकार को चाहिए कि वह गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्रों में रियायती रेट पर पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की आपूर्ति की व्यवस्था करे। ऐसा होगा तो इंडस्ट्री में कोयले व बायोमास का इस्तेमाल नहीं होगा। इससे किसी भी प्रकार के वायु प्रदूषण की संभावना खत्म हो जाएगी।
दिल्ली में शुक्रवार को एनवायरमेंट पॉल्यूशन (प्रवेंशन एंड कंट्रोल) अथॉरिटी के चेयरमैन की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इसमें गुरुग्राम के भी कुछ उद्यमी मौजूद रहे। चेयरमैन के समक्ष उन्होंने यह बात रखी कि गुरुग्राम के उद्योगों के पास कोयला व बायोमास के अलावा ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने का कोई अन्य विकल्प नहीं है। यदि औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी गैस आपूर्ति के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए तो इसका विकल्प मिल सकता है। ऐसा तभी होगा जब पीएनजी गैस रियायती रेट पर उद्योगों को उपलब्ध कराई जाए। उद्यमियों का कहना है कि देखा जाए तो कोयले एवं बायोमास की तुलना में पीएनजी गैस चार गुना अधिक महंगी है।
ईपीसीए के चेयरमैन से उद्यमियों ने कहा कि हरियाणा सिटी गैस व इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड द्वारा जो पीएनजी गैस आपूर्ति की जाती है वह काफी महंगी है। चेयरमैन ने इन दोनों गैस कंपनियों से रेट का ब्रेकअप मांगा है।
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दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण की मार इंडस्ट्री पर सबसे पहले पड़ती है। ऐसा इसलिए कि यहां कोयले और बायोमास का ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गुरुग्राम की बात की जाए तो यहां की इंडस्ट्री के पास इनका कोई विकल्प नहीं है। औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी गैस की आपूर्ति के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराना चाहिए। इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के साथ-साथ गैस की रियायती दर पर आपूर्ति भी होनी चाहिए।
-अनिल जैन, वाइस प्रेसिडेंट, टेक्सटाइल मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन
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कोयले एवं बायोमास की अपेक्षा पीएनजी गैस का रेट तीन से चार गुना अधिक है। जब रियायती रेट पर उद्योगों को यह गैस आपूर्ति की जाएगी तभी फायदा होगा। अन्यथा इंडस्ट्री इसका खर्च वहन नहीं कर पाएंगी।
-एसके आहूजा, महासचिव गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री