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गंदा पानी भरने से ऊंचा माजरा गांव के लोग परेशान

पटौदी के गांव भोड़ाकलां में गंदे पानी की निकासी अब भोडाकलां गांव के लिए ही नहीं अपितु आसपास के गांवों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। गांव का गंदा पानी उंचा माजरा गांव तक पहुंच चुका है जिससे किसानों की फसलें बरबाद हो रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 03:43 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 03:43 PM (IST)
गंदा पानी भरने से ऊंचा माजरा गांव के लोग परेशान

संवाद सहयोगी, पटौदी: पटौदी के गांव भोड़ाकलां में गंदे पानी की निकासी अब भोडाकलां गांव के लिए ही नहीं अपितु आसपास के गांवों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। गांव का गंदा पानी उंचा माजरा गांव तक पहुंच चुका है जिससे किसानों की फसलें बरबाद हो रही हैं।

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गंदे पानी की निकासी का कोई प्रबंध न होने से गंदा पानी न केवल गांव में मुख्य पटौदी- बिलासपुर मार्ग पर भर जाता है अपितु यह गंदा पानी सड़क के किनारे बने गड्ढों से होता हुआ ऊंचा माजरा गांव तक आ पहुंचा है। यही नहीं यह गंदा पानी ओवरफ्लो होकर कई किसानों के खेतों में भर गया है जिससे किसानों की गोभी तथा अन्य फसलें नष्ट हो गई है। कई किसान तो लगातार गंदा पानी भरा रहने से खेती ही नहीं कर पा रहे हैं।

ऊंचा माजरा के किसान बीरेंद्र सिंह, राम अवतार, ओम प्रकाश, जय भगवान, मनोज, महेंद्र, सुभाष, नरेंद्र, बिजेंद्र तथा धर्मबीर के अनुसार यह समस्या पिछले काफी समय से बनी हुई है। भोड़ाकलां का गंदा पानी सड़क के किनारे बने गड्ढों से होता हुआ आ रहा है। इससे सड़क किनारे लगे सैकड़ों पेड़ सूख गए हैं। यही नहीं पानी अधिक होने से वह लोगों की खेतों में भी भर गया है। इससे उनकी गोभी आदि की फसलें नष्ट हो गई हैं।

सड़क के बिल्कुल किनारे स्थित खेतों में तो किसान अत्यधिक नमी व पानी भरा होने से बिजाई ही नहीं कर पा रहे हैं। कई प्लाटों में गंदा पानी भर गया है। बिजेंद्र सिंह ने बताया कि इस गंदे पानी के भरने से उनके दो नलकूप भी भर गए हैं। यही हाल कुछ अन्य किसानों का भी है। उनके अनुसार वे इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों व नेताओं से मिल चुके हैं परंतु समस्या का समाधान नहीं किया गया है।

बिजेंद्र सिंह के अनुसार यह सारा पानी पटौदी बिलासपुर सड़क के दक्षिणी किनारे से आ रहा है। यदि यह गंदा पानी सड़क पर बने एक पुलिया से सड़क के दोनों तरफ डाल दिया जाए व कुछ नूरपुर की सड़क की तरफ छोड़ दिया जाए तो भी कुछ हद तक समस्या का समाधान हो सकता है। परंतु सड़क के उत्तरी तरफ के वेयरहाउस के गोदाम वालों व अन्य लोगों ने उस पुलिया को बंद कर दिया है। नूरपुर वाले भी अपनी सड़क के साथ इस पानी को जाने नहीं दे रहे हैं। इन सब कारणों से यह स्थिति बनी हुई है व ऊंचा माजरा के किसान बर्बाद हो रहे हैं। सरकार ने भोड़ाकलां में मंजूर की गई एसटीपी का भी निर्माण नहीं किया है। क्या है समस्या की असली वजह

भोड़ाकलां गांव जिले का एक बहुत बड़ा गांव है। गांव की आबादी लगभग तीस हजार है। परंतु यहां सरकार ने गंदे पानी की निकासी का कोई प्रबंध नहीं किया है। वर्ष 2016 में सरकार ने दस ह•ार से अधिक आबादी वाले गांवों को महाग्राम योजना में लेकर वहां गंदे पानी की निकासी के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना बनाई थी। परंतु विभिन्न कारणों से यह आज तक नहीं लग पाया।

अतीत में गांव की जो जगह एसटीपी के लिए चिन्हित की गई थी वहां जनस्वास्थ्य विभाग ने यह कहकर एसटीपी बनाने से मना कर दिया कि उसकी दूरी गांव से काफी ज्यादा है। ऐसे में वैकल्पिक भूमि की खोज प्रारंभ हुई। भोड़ाकलां गांव ने इसके लिए नूरपुर गांव की सीमा में लगभग 78 लाख प्रति एकड़ की दर से 17 कनाल 2 मरला भूमि भी खरीदी।

यहां एसटीपी बनाने की योजना बनाई गई परंतु बाद में नूरपुर गांव के लोगों ने इस पर यह कहकर ऐतराज कर दिया कि यह नूरपुर गांव से सटी हुई है तथा इससे उनके गांव के लोगों को दिक्कत होगी। उन्होंने बारह गांवों की पंचायत कर भी इसका विरोध जताया तथा बाद में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से मिलकर भी एसटीपी वहां न बनाने की अपील की।

इस प्रकार अभी तक यह निर्माण अधर में लटका हुआ है। लोगों की मांग है कि सरकार ऊंचा माजरा के लोगों की समस्या के समाधान के साथ साथ समस्या के जड़ से निवारण के लिए भोड़ाकलां के एसटीपी का भी निर्माण करे ताकि भोड़ाकलां वासियों के साथ अन्य लोगों को भी इस समस्या से छुटकारा मिल सके।


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