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ब्रजपुरा हत्याकांड: चार मौतों से दहल उठा इलाका

पटौदी ब्लाक के गांव ब्रजपुरा में एक परिवार के चार लोगों की हत्या ने इलाके को दहला दिया है। सभी इस घटना से सन्न हैं। न ही परिवार के लोगों को, न ही रिश्तेदारों को और न ही इलाके के लोगों को कुछ समझ में आ रहा है। बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंच लोगों की जुबान से यही निकल रहा था जब किसी से रंजिश नहीं, पारिवारिक विवाद नहीं फिर हत्याकांड को अंजाम क्यों व किसने दिया? समाचार लिखे जाने तक लोगों के सवालों के जवाब सामने नहीं आए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 08:09 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 08:09 PM (IST)
ब्रजपुरा हत्याकांड: चार मौतों से दहल उठा इलाका

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: पटौदी ब्लॉक के गांव ब्रजपुरा में एक परिवार के चार लोगों की हत्या ने इलाके को दहला दिया है। बृहस्पतिवार को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे लोगों की जुबान पर यही सवाल था, जब किसी से रंजिश नहीं, पारिवारिक विवाद नहीं फिर हत्याकांड को क्यों व किसने अंजाम दिया?

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बृहस्पतिवार को शवों का एक साथ पटौदी थाना पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया। इस दौरान दैनिक जागरण से बातचीत में लोगों ने कहा कि मनीष की किसी से दुश्मनी नहीं थी। कभी किसी के साथ लड़ाई भी नहीं हुई। न जाने किसने पूरे परिवार को समाप्त कर दिया। टीचर बनना चाहती थी ¨पकी

मनीष की पत्नी ¨पकी के पिता रामनिवास शर्मा हुडा में कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि पांच साल पहले मनीष से अपनी बेटी की शादी की थी। कभी किसी भी बात को विवाद नहीं हुआ। शादी के बाद भी उनकी बेटी ने पढ़ाई नहीं छोड़ी। वह काफी समझदार थी। जेबीटी करने के बाद बीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। वह टीचर बनना चाहती थी। समझ में नहीं आता कि आखिर किसके ऊपर शक करें। किसी से दुश्मनी भी थी, तो उन्हें नहीं पता। परिवार में किसी प्रकार का विवाद नहीं

मनीष के चाचा रामनिवास शर्मा कहते हैं कि सभी परिवार में छोटी-मोटी बातें होती रहती हैं लेकिन कभी विवाद बड़ा नहीं हुआ। इस घटना से सभी सन्न है। उन्हें साढ़े सात बजे किसी ने बताया कि घर में अंधेरा छाया हुआ था। जब पहुंचे तो उनके होश उड़ गए। किसने हत्याकांड को अंजाम दिया, यह नहीं बता सकता। हत्यारे ने डेढ़ साल की बच्ची को भी नहीं छोड़ा। ऐसी क्या दुश्मनी थी कि एक साथ सभी को मार दिया। कोई नेता नहीं आया सांत्वना देने

पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे गांव रामपुर निवासी रामनिवास शर्मा को मलाल है कि इतनी बड़ी घटना के बाद कोई नेता या अधिकारी सांत्वना देने के लिए भी नहीं पहुंचा। पूरे परिवार में केवल तीन साल का बच्चा बचा है। सरकार न केवल उसकी सुरक्षा का जिम्मा ले बल्कि उसकी पढ़ाई का खर्च उठाए। हत्याकांड को किसने अंजाम दिया, यह अभी साफ नहीं हो पाया है। मौके से एक चाकू बरामद हुआ है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक दो से ढाई बजे के बीच हत्या हुई। कई स्तर पर लगातार जांच चल रही है। परिवार के एक सदस्य को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया है। जल्द ही पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी।

-राजेश कुमार, पुलिस उपायुक्त, मानेसर


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