सीवर का पानी भरने से मकान गिरने के कगार पर
:शहरीकृत गांव डूंडाहेड़ा की पार्क अस्पताल वाली गली के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। करीब तीन साल पहले बनाई गई सड़क गंदे नाले का रूप ले चुकी है। चार माह से सीवर लाइन गंदगी से चलते जाम और यहां रहने वाले लोगों ने नगर निगम के चीफ इंजीनियर से निगमायुक्त तक गुहार लगा ली मगर समस्या का समाधान नहीं हुआ।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: शहरीकृत गांव डूंडाहेड़ा की पार्क अस्पताल वाली गली के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। करीब तीन साल पहले बनाई गई सड़क गंदे नाले का रूप ले चुकी है। चार माह से सीवर लाइन गंदगी से चलते जाम और यहां रहने वाले लोगों ने नगर निगम के चीफ इंजीनियर से निगमायुक्त तक गुहार लगा ली मगर समस्या का समाधान नहीं हुआ। हालात यह हैं कि सीवर का पानी मकानों की नींव में जा रहा और मकान जर्जर होकर गिरने की कगार पर आ चुके हैं। मकान नहीं गिरे इसके लिए कई लोगों ने जैक लगा रखा है। प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस गली के लोगों की पीड़ा नहीं नजर आ रही है। यही हाल अधिक दिन रहे तो मकान ढह जाएंगे। इनमें रहने वाले लोगों को भी जान बचाना आसान नहीं होगा। बड़ा हादसा हुआ तो अधिकारियों को जवाब देते नहीं बनेगा। करीब तीन माह से सीवर लाइन खुलवाने के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं कोई सुनने वाला नहीं है। कई लोगों ने मो मकान में ताला लगा यहां रहना ही छोड़ दिया।
सुंदर ¨सह
हमारा तथा भाई कुलदीप का मकान नींव में पानी जाने के चलते जर्जर हो चुका है। लोहे की बल्ली का जैक लगा छज्जे गिरने से रोके गए हैं। घर में बदबू के मारे रहा नहीं जाता दूसरी जगह रह रहे हैं। निगम अधिकारी चाह रहे कि एक दो लोग मर जाएं। शायद तभी वह सीवर लाइन की सफाई कराएंगे।
संदीप यादव कोई भी नहीं सुन रहा सड़क नाला बन चुकी है। हमें शर्म आती है कि इस गली में हम रहते हैं। संबंधियों को घर नहीं बुलाते हैं। नगर निगम के अधिकारी सुनते नहीं हैं।
र¨वद्र यादव जब बड़ा हादसा होगा तब चीफ इंजीनियर साहब की आंख खुलेगी। उनकी जानकारी में हमारी पीड़ा है मगर सुन नहीं रहे हैं।
बाबूलाल जेई से लेकर चीफ इंजीनियर से समस्या पर बात हुई पर किसी ने नहीं सुना। निगमायुक्त से भी मिलेंगे। तीन साल पहले सीवर लाइन बनाई गई थी कई माह से उसकी सफाई नहीं हुई जिसके चलते समस्या हुई।
विवेक यादव, समाज सेवी