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विधानसभा चुनाव: उम्र सौ के पार, मतदान के लिए जोश बेशुमार

बुढ़ापे और बीमारियों का दर्द मतदान के पर्व पर हावी नहीं हो सका। बुजुर्ग युवाओं से भी ज्यादा जोश के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 04:15 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:40 PM (IST)
विधानसभा चुनाव: उम्र सौ के पार, मतदान के लिए जोश बेशुमार
विधानसभा चुनाव: उम्र सौ के पार, मतदान के लिए जोश बेशुमार

संदीप रतन, गुरुग्राम

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बुढ़ापे और बीमारियों का दर्द मतदान के पर्व पर हावी नहीं हो सका। उम्र के जिस पड़ाव में दो कदम चलने पर सांसें फूल जाती हैं, बुजुर्ग युवाओं से भी ज्यादा जोश के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे। 80 पार उम्र के बुजुर्ग सुबह सात बजे ही मतदान के लिए पहुंच गए। युवाओं से ज्यादा बुजुर्गो की तादाद ज्यादा रही। ऑटो रिक्शा, गाड़ियों और पैदल चलकर भी बुजुर्ग मतदाता मतदान केंद्रों तक पहुंचे। वोट डालने के बाद उनके चेहरे पर खुशी नजर आ रही थी। मतदान का प्रतिशत सुबह के समय भले ही काफी कम रहा हो, लेकिन सुबह सात से नौ बजे तक उम्रदराज मतदाताओं की ही लंबी कतारें नजर आईं।

बुजुर्ग बोले, देशहित में मतदान जरूरी

उम्र का शतक मार चुकी नैनो देवी ने कहा जब तक जान रहेगी मतदान जरूर करूंगी। गांव धरमपुर निवासी शांति देवी की उम्र 105 साल हो चुकी है। वह चलने फिरने में लाचार हैं मगर उनकी इच्छा पर परिजन मतदान करने के लिए गांव में बने पोलिग स्टेशन तक ले गए। उन्हें चारपाई के साथ ही लाया गया था। 85 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक जगदीश चंद्र कहते हैं देश और समाज हित में मतदान जरूरी है। अगर अच्छी सरकार चुनी जाएगी तो देश आगे बढ़ेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों को मजबूत करने वाली सरकार की जरूरत है। युवा अगर स्वस्थ रहेंगे, पढ़ेंगे तो देश की प्रगति होगी। शिवाजी नगर के एक बूथ पर मतदान करने के लिए पहुंचे 90 वर्षीय बरकत राम का कहना है कि वोट के दिन प्रत्येक मतदाता को घर से निकलना चाहिए, ताकि बेहतरीन सरकार चुनकर आए।

मतदान करने पहुंची 92 चमेली देवी कहती हैं कि उम्र ज्यादा होने के कारण उनको चलने और सुनने में परेशानी है, लेकिन हर चुनाव में वोट डाला है। 85 वर्षीय चंदा देवी के घुटने और पैरों में दर्द रहता है। बिना सहारे चल नहीं पाती हैं और ऑटोरिक्शा से वोट डालने पहुंची थीं। चंदा देवी ने कहा कि एक-एक वोट जरूरी है। अच्छा प्रत्याशी अगर चुना जाएगा तो शहर की सुध ली जाएगी। 70 वर्षीय कृष्णा देवी ने कहा कि बूथ घर से थोड़ा दूर था तो ऑटो रिक्शा से बूथ तक पहुंच गई क्योंकि वोट से ही शहर की किस्मत भी बदलेगी। एक माह की बच्ची को लेकर पहुंचीं मतदान केंद्र

सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा महिलाओं में भी मतदान के प्रति उत्साह नजर आया। अपनी एक माह की बच्ची के साथ वोट डालने पहुंचीं ज्योति ने कहा कि उन्होंने पहली बार मतदान किया है। मतदान के दिन वोट डालना ही प्राथमिकता होनी चाहिए।


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