जल्द तैयार होगी नूंह जेल, पुलिस महानिदेशक ने ली प्रगति रिपोर्ट
नूंह में पलवल मार्ग किनारे बनाई जा रही जिला जेल जल्द शुरू हो जाएगी। पुलिस महानिदेशक (जेल) के साल्वराज ने शनिवार को भोंडसी जेल का दौरा कर प्रगति रिपोर्ट ली।
संवाद सहयोगी, बादशाहपुर (गुरुग्राम)
नूंह में पलवल मार्ग के किनारे बनाई जा रही जिला जेल जल्द शुरू करने के लिए कोशिश की जा रही है। पुलिस महानिदेशक (जेल) के. साल्वराज ने शनिवार को भोंडसी जेल का दौरा कर काम की प्रगति रिपोर्ट ली। इस जेल का जिम्मा भोंडसी जेल प्रशासन के पास ही है। पुलिस महानिदेशक ने भोंडसी जेल में अधिकारियों के साथ नूंह जेल के बारे में विचार-विमर्श कर निर्माण स्थल का दौरा भी किया। भोंडसी जेल अधीक्षक जेके छिल्लर को निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
बता दें कि भोंडसी जेल में क्षमता से अधिक कैदी हो गए हैं। भोंडसी जेल की 2,412 कैदियों की क्षमता है, जबकि इस समय भोंडसी जेल में कुल 2,798 कैदी है। इसमें 2730 पुरुष व 68 महिला शामिल हैं। नूंह जेल बनकर तैयार होने के बाद भोंडसी जेल से कैदियों को वहां भेजा जाएगा। नूंह में 846 कैदियों की क्षमता की जेल बन रही है। 29 एकड़ जमीन मे बनने वाली इस जेल के निर्माण पर 45.86 लाख रुपये की लागत आएगी।
नूंह जेल में 12 बैरकें होंगी। एक बैरक में 126 कैदियों को रखने की क्षमता होगी। 5 बैरक पुरुष कैदियों के लिए, जबकि एक बैरक महिला कैदियों के लिए, दो बैरक खूंखार कैदियों के लिए और दो बैरक कर्मचारी कैदियों के लिए होगी। इसके साथ ही एक बैरक वीआइपी कैदियों के लिए भी होगी।
नूंह जेल को वर्ष 2018 में बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन किसानों के साथ भूमि अधिग्रहण संबंधी मामले को लेकर देरी हो गई। मई 2020 तक इस जेल का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन भोंडसी जेल में कैदियों की संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण जेल प्रशासन नूंह जेल को जल्द शुरू करने के प्रति गंभीर हो गया है।
पुलिस महानिदेशक (जेल) ने भोंडसी जेल की महिला कैदियों के साथ भी बातचीत की। उन्होंने कैदियों के लिए चलाए जा रहे प्रशिक्षण कार्यों की तारीफ की। भोंडसी जेल प्रशासन महिला कैदियों को मुख्यधारा में लाने के लिए उनके लिए कई तरह के कार्यक्रम चला रहा है। उन्हें अचार बनाने से लेकर कपड़े के थैले और घर की सजावट का सामान तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। पुलिस महानिदेशक ने इग्नू सेंटर का भी दौरा किया। वहां पढ़ाई कर रहे कैदियों से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछताछ की।