भारत में टेली-हेल्थ क्षेत्र की विश्वशक्ति बनने की क्षमता
नेस्कॉम सीईओ फॉर आइओटी-एआइ द्वारा बुधवार की देर शाम द फोर्थ डायमेंशन डेसिफेरिग टेली-हेल्थ विषय पर ई-कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नेस्कॉम) सीईओ फॉर आइओटी-एआइ (इंटरनेट ऑफ थिग्स-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) द्वारा बुधवार की देर शाम 'द फोर्थ डायमेंशन डेसिफेरिग टेली-हेल्थ' विषय पर ई-कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें देश भर से कई प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और स्वास्थ्य एवं प्रौद्योगिकी पर मंथन किया। सभी इस पर एक राय रहे कि नई प्रौद्योगिकी देश के विकास में विशेष भूमिका निभाने में पूर्ण रूप से सक्षम है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकी से काफी बदलाव आ रहा है। भारत में टेली-हेल्थ क्षेत्र की वैश्विक शक्ति बनने की प्रबल क्षमता है।
ई-कांफ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल मौजूद रहे। उन्होंने यहां एआइ फॉर हेल्थ केयर इन इंडिया के शोध पत्र का विमोचन किया। ई-कांफ्रेंस में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संयुक्त सचिव सौरभ गौड़ और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी, आयुष्मान भारत के अतिरिक्त सीईओ डॉ. प्रवीण गेडाम ने नई प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य क्षेत्र विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।
सौरभ गौड़ ने एआई के माध्यम से भारत में हो रहे परिवर्तन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सभी उभरती प्रौद्योगिकी देश के विकास में प्रमुख भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि 2025 तक पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की राह को आसान बनाने में नई प्रौद्योगिकी का बड़ा योगदान होगा।
कांफ्रेंस में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि एक देश के रूप में हमें आइटी के मामले में हमेशा ताकत मिली है। पिछले लगभग एक दशक में प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ा है। टेली-हेल्थ में प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का यह सही समय है। इस क्षेत्र में भारत एक वैश्विक ताकत के रूप में उभर रहा है। देश पहले से ही मेडिकल टूरिज्म हब है और अब टेली-मेडिसिन हब बनने की ओर आगे कदम बढ़ा रहे है। आरोग्य सेतु मोबाइल एप कुछ ही माह में 13-14 करोड़ डाउनलोड तक पहुंच गया है। यह टेली-मेडिसिन की ओर बढ़ते कदम का सूचक है।