चालान से पहले ट्रैफिक सिग्नल को दुरुस्त करने की जरूरी
साइबर सिटी में नए ट्रैफिक नियम लागू हो गए हैं। शहर की सड़कों पर इसका सकारात्मक प्रभाव भी दिखाई दे रहा है। लोग यातायात नियमों के पालन के प्रति काफी सजग और जागरूक भी हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी में नए ट्रैफिक नियम लागू हो गए हैं। शहर की सड़कों पर इसका सकारात्मक प्रभाव भी दिखाई दे रहा है। लोग यातायात नियमों के पालन के प्रति काफी सजग और जागरूक भी हो गए हैं। बाइक चालक व सवार हेल्मेट पहनने लगे हैं। वहीं कार चलाने वाले सीट बेल्ट लगाने के प्रति सतर्क हो गए हैं। ऐसा नहीं करने वालों के भारी भरकम चालान भी काटे जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह नए यातायात नियम के खिलाफ नहीं हैं। वह चाहते हैं कि शहर की विभिन्न सड़कों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल को दुरुस्त किया जाए। उन्हें डिजिटल बनाया जाए। यहां की सड़कों पर लगे काफी सिग्नल ठीक से काम नहीं करते, जिससे वाहन चालकों में असमंजस की स्थिति रहती है।
सेक्टर-चार निवासी रघुवीर दयाल का कहना है कि वह सेक्टर-4/7 चौक से रोजाना गुजरते हैं। आए दिन यहां ट्रैफिक सिग्नल के कारण काफी दिक्कत होती है। कभी यह बंद मिलता है तो कभी इसकी टाइमिग सही नहीं होती है। ऐसी स्थिति में वाहन चालकों को यह बात समझ में नहीं आती कि वह आगे जाएं या नहीं। ऐसी स्थिति में यदि चालक वाहन आगे बढ़ाता है तो ट्रैफिक पुलिसकर्मी रोक लेता है व चालान थमा देता है। वहीं बादशाहपुर निवासी कादर का कहना है कि वह सोहना रोड स्थित एक मॉल में काम करते हैं। ऐसे में वाटिका चौक पर लगे ट्रैफिक सिग्नल में टाइमिग को लेकर काफी दिक्कत होती है। इससे सभी को काफी परेशानी होती है। आए दिन यहां ट्रैफिक पुलिसकर्मियों और वाहन चालकों के बीच कहासुनी होती रहती है। यहां ट्रैफिक सिग्नल को बेहतर बनाने की जरूरत है।
जेनपैक्ट चौक, सोहना चौक, दिल्ली रोड स्थित सरहौल नाके के पास स्थित ट्रैफिक सिग्नल को लेकर भी लोगों की काफी शिकायतें आ रहीं हैं। लोगों का कहना है कि यहां रोजाना समस्या रहती है। शहर में कुछ स्थानों पर ऐसे ट्रैफिक सिग्नल हैं जो कभी-कभी एक साथ रेड और ग्रीन हो जाते हैं। इससे लोगों को भारी परेशानी होती है। सेक्टर-15 झाड़सा रोड पास अंडरपास के साथ-साथ शहर की कई ट्रैफिक सिग्नल को डिजिटल करने की मांग लोगों द्वारा की जा रही है। इनका कहना है कि रेड सिग्नल कितनी देर में ग्रीन होगा और ग्रीन सिग्नल कितनी देर में रेड होगा इसकी जानकारी नहीं मिल पाती। ग्रीन सिग्नल देख जब वाहन चालक आगे बढ़ता है तो कुछ ही सेकेंड में वह रेड हो जाती है। ऐसे में ट्रैफिक पुलिसकर्मी रोक लेते हैं। इसका निवारण तभी हो सकता है जब डिजिटल सिग्नल लगाए जाएं जिससे की टाइमिग लोगों को पता लगती रहे।