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निजी अस्पतालों को लेकर सबके मन की बात कह रहे मोदी सरकार के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह

निजी अस्पतालों की मनमानी के खिलाफ राव इंद्रजीत सिंह के कथन को सभी भाजपा नेता सराह रहे हैं। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता पंचकूला के एक मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से शिकायत कर चुके हैं। इस मामले की जांच के लिए कमेटी का भी गठन हुआ है।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 12:18 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 12:18 PM (IST)
निजी अस्पतालों को लेकर सबके मन की बात कह रहे मोदी सरकार के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह
निजी अस्पतालों को लेकर सबके मन की बात कह रहे मोदी सरकार के मंत्री राव इंद्रजीत सिंह

नई दिल्ली/गुरुग्राम [बिजेंद्र बंसल]। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में निजी अस्पतालों की मनमानी के खिलाफ केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मोर्चा खोल दिया है। गुड़गांव लोकसभा सीट से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि निजी अस्पतालों पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा विधानसभा एक कानून बनाए। इसके लिए राव इंद्रजीत सिंह दो बार भारतीय जनता पार्टी के मंचों पर अपनी बात कह चुके हैं। राव इंद्रजीत सिंह ने पहले यह मुद्दा 26 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ हुई केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, मंत्रियों सहित पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में उठाया। इसके बाद भी जब राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर कोई कारगर कदम नहीं उठाया तो उन्होंने यह मुद्दा 24 जून को हरियाणा प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक में उठाया।

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राव इंद्रजीत सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में निजी अस्पताल बिना ऑक्सीजन के एक भी दिन मरीजों का इलाज नहीं कर पा रहे थे। ऐसे में सरकार ने अपने तमाम संसाधन जुटाकर सभी अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई। डॉक्टरों से लेकर पैरा मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए। इससे पहले ज्यादातर निजी अस्पताल सरकार से सस्ती दर पर ली गई जमीन पर बने हैं, मगर निजी अस्पताल प्रबंधकों ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में दोनों हाथों से मरीजों को लूटा। शासन-प्रशासन इनके खिलाफ सख्त कानून के अभाव में मौन होकर देखता रहा। निजी अस्पताल दवाइयां बेचते रहे। बिल भुगतान न होने के कारण गरीब दिवंगत मरीजों का शव भी परिजनों को नहीं दिया। जिस मरीज का इलाज साधारण बेड पर किया गया, उसका भी पांच-पांच लाख रुपये बिल बना दिया गया। बिल नहीं देने की एवज में मरीज व उसके परिजनों को पुलिस कार्रवाई की धमकी दी गई। अस्पतालों के कर्मचारियों ने मरीजों के इंजेक्शन चुराकर बाजार में ब्लैक में बेचे। ऐसे कई मामले पुलिस ने पकड़े हैं, इसलिए निजी अस्पताल प्रबंधकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए एक कानून बनना चाहिए। ताकि भविष्य में निजी अस्पताल मनमानी नहीं कर सकें।

राव इंद्रजीत सिंह के कथन को सभी ने सराहा

निजी अस्पतालों की मनमानी के खिलाफ राव इंद्रजीत सिंह के कथन को सभी भाजपा नेता सराह रहे हैं। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता पंचकूला के एक मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से शिकायत कर चुके हैं। विज ने इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है। इसके अलावा रोहतक के सांसद डॉक्टर अरविंद शर्मा ने भी एक निजी अस्पताल द्वारा गरीब व्यक्ति का बिल पांच लाख रुपये बनाने पर रोष जाहिर करते हुए कहा है कि उन्होंने व्यक्तिगत आग्रह कर अस्पताल प्रबंधक से बिल कम करवाया है।

हरियाणा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ तो यहां तक बताया है कि उन्होंने दो दिवंगत मरीजों के शव निजी अस्पतालों में फोन करके परिजनों को दिलवाए। ये शव इसलिए नहीं दिए गए थे कि उन्होंने अस्पताल का पूरा बिल जमा नहीं करवाया था।


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