मोबाइल टॉयलेट के टेंडर में गड़बड़झाला में दो सेनेटरी इंस्पेक्टर हुए सस्पेंड
नगर निगम में मोबाइल टॉयलेट के टेंडर में गड़बड़झाला कर लाखों रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। नगर निगम में मोबाइल टॉयलेट के टेंडर में गड़बड़झाला कर लाखों रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है । इस संबंध में सूचना मिलते ही नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने सख्ती बरतते हुए सैनिटेशन विंग के दो सेनेटरी इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। इन दोनों को चार्जशीट भी किया गया है।
टेंडर का डेट खत्म होने के बाद भी कार्यकाल बढ़ा दिया
नगर निगम के चारों जोन में मोबाइल टॉयलेट के लिए एक टेंडर सिर्फ दो माह के लिए अगस्त 2019 में किया गया था। यह टेंडर दो माह बाद यानी अक्टूबर 2019 में ही समाप्त हो गया था। लेकिन जोन 1 और जोन 2 के सेनेटरी इंस्पेक्टरों ने टेंडर समाप्त होने के बावजूद अपनी मर्जी से ही टेंडर का कार्यकाल बढ़ा दिया और निजी एजेंसी को इन मोबाइल टॉयलेट के बिलों का भुगतान भी जारी रखा। ऐसा करने से नगर निगम को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
नगर निगम में लगाई फाइल तब हुआ खुलासा
मामला संज्ञान में तब आया जब दोनों सेनेटरी इंस्पेक्टरों ने इन मोबाइल टॉयलेट के टेंडरों का समय बढ़ाने के लिए नगर निगम में फाइल लगाई। इस तरह से लगभग 8 माह तक बिना किसी टेंडर के ही इन मोबाइल टॉयलेट के बिलों का भुगतान सेनेटरी इंस्पेक्टरों ने जारी रखा।
नगर निगम आयुक्त ने किया सस्पेंड
मामला सामने आने के बाद नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने सख्त एक्शन लिया है। नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि जोन 1 के सेनेटरी इंस्पेक्टर त्रिलोकचंद और जोन 2 के सेनेटरी इंस्पेक्टर सुधीर सिंह को सस्पेंड किया गया है। बता दें कि इन्हीं गड़बड़झालों को लेकर दो दिन पहले निगमायुक्त ने सैनिटेशन विंग के अधिकारियों के जोन भी बदल दिए थे। सफाई एजेंसियों की कार्यप्रणाली को लेकर भी काफी शिकायतें मिल रही थी।
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