भवन निर्माण करवा रहे हैं तो पढ़ लें यह खबर, नहीं लगेगा जुर्माना; बदल गया है यह नियम
भवन निर्माण करने के लिए अब पेयजल की जगह पर एसटीपी के शोधित पानी का इस्तेमाल करना होगा।
गुरुग्राम (संदीप रतन)। भवन निर्माण करने के लिए अब पेयजल की जगह पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के शोधित पानी का इस्तेमाल करना होगा। वैसे पहले से ही यह नियम लागू है, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। अब गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीएमडीए) द्वारा लोगों को शोधित पानी मुहैया कराने की सुविधा शुरू कर दी गई है।
खरीद सकेंगे शोधित पानी
शहर के धनवापुर और बहरामपुर एसटीपी से शोधित पानी को लोग खरीद सकते हैं। इसके लिए जीएमडीए ने शुल्क तय कर दिए हैं। जिला प्रशासन की ओर से करीब एक माह पहले अवैध बोरवेल के खिलाफ सीलिंग अभियान चलाया गया था, लेकिन अब भी स्थिति वही है।
अभी बोरवेल का पानी होता है इस्तेमाल
निर्माणाधीन इमारतों में बोरवेल कर भूजल दोहन किया जा रहा है। नियमानुसार किसी भी तरह के निर्माण या पार्कों में ¨सचाई के लिए पेयजल का उपयोग नहीं किया जा सकता है। शहर में जगह-जगह पर अवैध बोरवेल चल रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
500 पार्कों में हो रहा पेयजल का इस्तेमाल
जीएमडीए के ताऊ देवीलाल स्टेडियम, महाराणा प्रताप लेजर वैली पार्क और सेक्टर 52 के बोटेनिकल पार्क में सिंचाई के लिए एसटीपी के शोधित पानी का इस्तेमाल हो रहा है। नगर निगम के कुछ पार्को में भी माइक्रो एसटीपी लगाए गए हैं, लेकिन नगर निगम के अधीन कुल 500 पार्क हैं और ज्यादातर में सिंचाई के लिए पेयजल का ही उपयोग किया जा रहा है।
ये हैं शुल्क लीटर रेट (रुपये में)
- 3000- 90
- 5000- 150
- 10000- 300
- 15000- 450
- 20000- 600
- 25000- 750
- 30000- 900
शोधित पानी के इस्तेमाल से यह फायदा मिलेगा
पेयजल की बर्बादी पूरी तरह रुक जाएगी। - पेयजल के सिंचाई में उपयोग के बजाय घरों में आपूर्ति होगी। - गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत को काफी हद तक किया जा सकेगा कंट्रोल। - पार्कों में बोरवेल से जलदोहन पर लगेगी रोक। - जलदोहन नहीं होने से भूजल स्तर भी बना रहेगा ठीक।
बहरामपुर और धनवापुर एसटीपी से शोधित पानी को खरीदा जा सकता है। इसके लिए शुल्क निर्धारित कर दिए गए हैं और काफी लोग भवन निर्माण के लिए शोधित पानी ही खरीद रहे हैं।
जगदीश सरोत, एक्सईएन जीएमडीए।