बॉलीवुड एक्ट्रेस के आर्म्ड लाइसेंस को लेकर सामने आया ये चौंकाने वाला राज
सोहा अली खान के आर्म्स लाइसेंस मामले में पुलिस की एक रिपोर्ट में पता चला है कि अभिनेत्री के आर्म्स लाइसेंस की फाइल आठ साल पहले ही गायब कर दी गई थी।
गुरुग्राम (आशीष पाण्डेय)। बॉलीवुड फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री सोहा अली खान के आर्म्स लाइसेंस मामले में पुलिस की एक रिपोर्ट में पता चला है कि इस मामले से जुड़ी मूल फाइल बहुत पहले से ही गायब है। इतना ही नहीं फाइल गायब होने की जांच भी एडीसी स्तर के अधिकारी से कराई गई। हैरानी वाली बात यह है कि जांच में किसी भी अधिकारी को आरोपी नहीं बनाया गया।
पासपोर्ट दिया था लाइसेंस के लिए
वर्ष 2015 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क ने इस मामले की रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को दी थी, जिसमें बताया गया है इसकी जांच तत्कालीन संयुक्त पुलिस आयुक्त सौरभ सिंह से कराई गई थी।
गृह सचिव बोले-'बताओ, कम उम्र में सोहा को कैसे मिला आर्म्ड लाइसेंस'
सौरभ सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि नवंबर 1996 में आर्म्स लाइसेंस बनाने के लिए दस्तावेज के रूप में सोहा अली खान ने अपना पासपोर्ट दिया था। पासपोर्ट में उनकी जन्म तिथि 4 अक्टूबर 1978 दर्ज है। उनका शस्त्र लाइसेंस नंबर 1-डीएम-जी-नवंबर-1996 पर .22 बोर की राइफल नंबर 915.1 दर्ज है।
बिना वेरिफिकेशन हुआ लाइसेंस का नवीनीकरण
जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि इसी राइफल से सोहा के पिता द्वारा 5 जून 2005 को काले हिरण का शिकार किया गया। तब इस राइफल को जब्त कर लिया गया था। इसके बाद तत्कालीन उपमंडल अधिकारी ने बिना किसी फिजिकल वेरिफिकेशन के ही सोहा के लाइसेंस का चार नवंबर 2008 तक के लिए नवीनीकरण कर दिया। सोहा के पिता वाला मामला झज्जर थाने का था और लाइसेंस थाना पटौदी से संबंधित था। जानकारी नहीं होने के कारण लाइसेंस को जब्त नहीं किया गया।
राकेश गुप्ता की नोटिंग बनी अड़चन
विभागीय सूत्रों की मानें, तो राकेश गुप्ता ने सोहा अली खान के लाइसेंस को रद करने के कारण को विस्तार से लिखा है। भले ही विभाग फाइल गुम होने की बात कर रहा है पर पुलिस के पास राकेश गुप्ता की यह नो¨टग है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि किस अधिकारी ने नियमों की अनदेखी करके लाइसेंस जारी किया है।
वहीं, गुरुग्राम के संयुक्त पुलिस आयुक्त वाई. पूरन कुमार का कहना है कि हमने इस मामले की पूरी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दे दी है। जांच रिपोर्ट में विस्तार से पूरे मामले को बता दिया गया है। आगे की कार्रवाई उच्चाधिकारियों द्वारा ही की जाएगी।