गुरुग्राम में शंकर चौक से सिंकदरपुर तक लगा भयंकर जाम, कई घंटे हजारों लोग रहे परेशान Gurugram News
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन से साइबर सिटी होते हुए सिंकदरपुर तक भयंकर जाम लग गया ।
गुरुग्राम, जेएनएन। दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे पर जाम कम होने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर यहां पर जाम लग गया। जानकारी के मुताबिक दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस वे की सर्विस लेन से साइबर सिटी होते हुए सिंकदरपुर तक भयंकर जाम लगा गया। बताया जा रहा है कि जाम पांच किलोमीटर तक लगा था।
मिली जानकारी के मुताबिक ये जाम शाम करीब पांच बजे से लगा हुआ था जोकि कई घंटे बाद खुला। यहां पर अभी भी लंबी-लंबी वाहनों की लाइनें लगी हुई थी। जाम की वजह से वाहनों की रफ्तार थम सी गई थी।
28 अगस्त को लगा था 15 किलोमीटर लंबा जाम
इससे पहले 28 अगस्त को महिपालपुर से गुरुग्राम के राजीव चौक तक करीब 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया था। करीब तीन घंटे के बाद लोगों को जाम से राहत मिली थी। दरअसल, महिपालपुर और रंगपुरी के बीच एक ट्राला का टायर फट गया था। इसकी वजह से यह जाम लगा था। जाम इतना भयंकर था कि एक बाइक का भी रास्ता दुपहिया चालको को नही मिल पा रही थी।
दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर महिपालपुर के नजदीक एक ट्राले का टायर फटने से ट्रैफिक का दबाव पीछे सिग्नेचर टावर चौक तक घंटों बना रहा। वाहन रेंगते रहे। इसका असर आसपास के इलाकों में भी रहा। इस वजह से समय से लोग अपने घर नहीं पहुंच पाए। अक्सर पीक आवर के दौरान एक्सप्रेस-वे पर कहीं भी वाहन में गड़बड़ी आने पर ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ जाता है।
सिरहौल बॉर्डर तक था जाम
गुरुग्राम-दिल्ली साइड पर महिपालपुर के नजदीक एक ट्राले का टायर फटते ही ट्रैफिक का दबाव बढ़ना शुरू हुआ। कुछ ही घंटे में वाहनों का दबाव सिरहौल बॉर्डर तक पहुंच गया था। जब तक ट्राले को साइड किया गया तब तक वाहनों का दबाव सिग्नेचर टावर चौक तक पहुंच गया। बताया जाता है कि ट्राला ओवरलोड था। सहायक पुलिस आयुक्त (ट्रैफिक) अशोक कुमार ने बताया था कि पीक आवर के दौरान एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का काफी अधिक रहता है। उस दौरान कुछ मिनट भी यदि ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित होती है तो उसका असर काफी देर तक रहता है।
बता दें कि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रक, डंपर एवं ट्राला न केवल सभी लेन में चलते हैं बल्कि ओवरलोड भी चलते हैं। कई बार इसकी शिकायत की जा चुकी है लेकिन न ही एनएचएआइ और न ही ट्रैफिक पुलिस ध्यान देने को तैयार है।