गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। साइबर सिटी में सोमवार अलसुबह वर्षा होने से कई जगहों पर जलभराव हो गया। खास बात यह है कि सिर्फ 22 एमएम वर्षा से शहर के हालात बिगड़ गए और सरकारी व्यवस्था की पोल खुल गई। मानसून सीजन से सफाई का इंतजार कर रहे नालों से वर्षा जल की निकासी नहीं हुई और हल्की वर्षा भी लोगों के लिए आफत बन गई। सुबह से दोपहर तक कई सड़कों पर ट्रैफिक जाम लगा रहा।
दिल्ली-जयपुर हाईवे पर भी सुबह आठ बजे से 12 बजे तक ट्रैफिक का दबाव रहा और जाम लगने के कारण नौकरीपेशा लोग कार्यालयों में देरी से पहुंचे। खेड़कीदौला टोल प्लाजा से राजीव चौक तक 15 मिनट का सफर एक घंटे में पूरा हुआ। इसके अलावा पटौदी रोड सहित पुराने शहर की सड़कों पर भी सुबह के समय ट्रैफिक जाम लगा।
पटौदी रोड, द्वारका एक्सप्रेस वे और हीरो होंडा चौक से उमंग भाद्वाज चौक तक तथा बसई रोड जर्जर होने के कारण जलभराव हो रहा है। बता दें कि क्षेत्र में रविवार को भी हल्की वर्षा हुई थी।
इन मुख्य जगहों पर हुआ जलभराव
- सेक्टर-82 वाटिका क्षेत्र
- सेक्टर-84 द्वारका एक्सप्रेस वे दिल्ली-जयपुर हाईवे की सर्विस लेन
- बेस्टेक के समीप पटौदी रोड ओल्ड ज्यूडिशियल कांप्लेक्स
- राजीव चौक के समीप लघु सचिवालय
- मुख्य रास्ता बसई रोड सेक्टर-40
- मुख्य रोड खांडसा मंडी सेक्टर-39 सेक्टर नौ, नौ ए तथा दस ए क्षेत्र
इन जगहों पर लगा ट्रैफिक जाम
वर्षा के बाद सड़कों पर हुए जलभराव के कारण सुबह लगभग पूरे शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई। जगह-जगह ट्रैफिक जाम लगा रहा। राजीव चौक के समीप लघु सचिवालय की पार्किंग गेट के सामने जलभराव से इस सड़क पर ट्रैफिक जाम लगा रहा।
इसके अलावा ओल्ड और न्यू रेलवे रोड, पटौदी रोड पर गाडौली से उमंग भारद्वाज चौक तक, हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक तक, दिल्ली-जयपुर हाईवे और इसकी सर्विस लेन पर दोपहर तक ट्रैफिक जाम लगा रहा। जाम के दौरान वाहन रेंगते रहे और वाहन चालकों को गंतव्य तक पहुंचने में देरी हुई।
कहां कितनी वर्षा हुई (एमएम)
गुरुग्राम 22
कादीपुर 21
हरसरू 21
वजीराबाद 24
बादशाहपुर 24
सोहना 29
मानेसर 30
पटौदी 15
फरुखनगर 13
(सोमवार सुबह साढ़े सात बजे तक हुई वर्षा के आंकड़े)
फसलों के लिए बरसा अमृत
वर्षा होने से रबी की मुख्य फसलों गेहूं, सरसों, जौ और चना आदि को फायदा मिला है। किसानों को अब फसलों में सिंचाई करने की जरूरत नहीं है। पटौदी, फरुखनगर, सोहना और मानेसर क्षेत्र में भी अच्छी वर्षा हुई है। इस सीजन में पहली बार वर्षा हुई है। खेतों में सिंचाई की जरूरत महसूस की जा रही थी। पिछले दिनों पाले से भी फसलों को नुकसान हुआ था।