Gurugram: टोल प्लाजाओं के इंटरलिंक न होने से कट रही जेब, 12 किमी चलने के लिए देना पड़ रहा 135 KM का टोल
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और केएमपी एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजाओं के इंटरलिंक न होने से प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की जेब कट रही है। लोग केएमपी एक्सप्रेस-वे पर 12 किलोमीटर चलते हैं और टोल उन्हें पूरा 135 किलोमीटर का देना पड़ता है।
गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और केएमपी एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजाओं के इंटरलिंक न होने से प्रतिदिन सैकड़ों लोगों की जेब कट रही है। लोग केएमपी एक्सप्रेस-वे पर 12 किलोमीटर चलते हैं और टोल उन्हें पूरा 135 किलोमीटर का देना पड़ता है। सैकड़ों लोग एचएसआइआइडीसी की निष्क्रियता का खामियाजा भुगत रहे हैं। दिल्ली-मुंबई एक्स्रपेस-वे को चालू करने से पहले ही टोल प्लाजाओं के इंटरलिंक करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए था।
पिछले महीने 15 फरवरी से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के गांव अलीपुर से लेकर राजस्थान में दौसा तक के भाग को चालू किया गया है। इस तरह एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन व्यवस्था पटरी पर नहीं आई है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के चालू होने से पहले ही मिंडकोला में या तो अलग से एचएसआइआइडीसी को टोल प्लाजा लगाना चाहिए था या फिर एनएचएआइ के टोल प्लाजाओं से केएमपी एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजाओं को इंटरलिंक कर देना चाहिए था। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे मिंडकोला गांव में केएमपी एक्सप्रेस-वे से जुड़ा है। केएमपी एक्सप्रेस-वे की जिम्मेदारी एचएसआइआइडीसी के पास है।
इस तरह से कट रही है जेब
गुरुग्राम से पलवल जाने वाले अधिकतर लोग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का उपयोग करने लगे हैं। मिंडकोला मेें लोग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से केएमपी एक्सप्रेस-वे पर चढ़ते हैं। आगे पलवल में टोल प्लाजा है। पलवल टोल प्लाजा पर गुरुग्राम से जाने वाले लोगों का टोल 12 किलोमीटर का नहीं, बल्कि कुंडली तक यानी 135 किलोमीटर तक का टोल देना पड़ता है। केएमपी एक्सप्रेस-वे के मुख्य मार्ग पर दो ही टोल प्लाजा कुंडली और पलवल में है। इंटरलिंक न होने से पलवल टोल प्लाजा का साफ्टवेयर सीधे कुंडली तक का टोल जनरेट कर देता है। केएमपी एक्सप्रेस-वे पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल की वसूली की जाती है।
कार के लिए प्रति किलोमीटर 1.61 रुपये टोल निर्धारित है। इसी तरह अन्य वाहनों के लिए प्रति किलोमीटर के हिसाब से टोल निर्धारित है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों की जेब किस कदर कट रही है। एचएसआइआइडीसी की ओर से केएमपी एक्सप्रेस-वे टोल प्लाजाओं का काम देख रहे एसडीओ आरपी वशिष्ठ स्वीकार करते हैं कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के चालू होने के साथ ही टोल प्लाजाओं को इंटरलिंक कर देने पर ध्यान देना चाहिए था। उनका कहना है कि जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा।
मामले को लेकर क्या बोले परियोजना निदेशक?
मैंने टोल प्लाजाओं को आपस में इंटरलिंक करने के लिए एचएसआइआइडीसी को दो बार पत्र भेजा है। इंटरलिंक करने में अपनी ओर से मदद देने को भी एनएचएआइ तैयार है। लोग परेशान हो रहे हैं।
- मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ, सोहना