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Gurugram News: गर्मी में बढ़े कुत्ता काटने के मामले, एक हफ्ते में 500 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार

गर्मी में कुत्ते अधिक हमलावर हो रहे हैं। गुरुग्राम में कुत्ता काटने के मामलों में इजाफा हुआ है। जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। नागरिक अस्पताल में रोजाना 100 से 150 मरीज पहुंच रहे हैं। 16 फरवरी को अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन की 300 डोज पहुंची थी। एक वायल से पांच लोगों को टीका लगाया जाता है।

By joohi dass Edited By: Monu Kumar Jha Tue, 11 Jun 2024 11:23 PM (IST)
Gurugram News: गर्मी में बढ़े कुत्ता काटने के मामले, एक हफ्ते में 500 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार
Gurugram News: गर्मी में बढ़े कुत्ता काटने के मामले, एक हफ्ते में 500 से ज्यादा शिकार।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गर्मी में कुत्ते अधिक हमलावर हो रहे हैं। शहर में कुत्ता काटने के मामलों में इजाफा हुआ है। जिला अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। एक हफ्ते में 500 से ज्यादा लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई है। प्रतिदिन 100 से 150 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन का टीका लगवाने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। सोमवार को भी 150 से ज्यादा लोग टीका लगवाने पहुंचे।

शहर में प्रमुख सड़क व चौराहों समेत अधिकांश गलियों में आवारा कुत्ते नजर आ रहे हैं। संख्या अधिक होने से लोगों को कुत्तों के हमला करने का डर रहता है। कई इलाके तो ऐसे हैं जहां रात में गलियों से निकलना मुश्किल हो जाता है। वरिष्ठ फिजिशियन की माने तो, कई बार लोग कुत्ता काट लेने के बाद इसका घरेलू उपचार करा लेते हैं, लेकिन बाद में यह रैबीज जैसी खतरनाक बीमारी बनकर उभर सकती है।

कुत्ता काटने के बाद रेबीज होने की आशंका 20 साल बाद तक बनी रहती है। ऐसे में जरूरी है कि कुत्ते के काटने के बाद एंटी रैबीज इंजेक्शन अनिवार्य रूप से लगवाया जाए। क्योंकि रेबीज से रोकथाम का एकमात्र उपाय रैबीज का टीका ही है।

सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज टीका 100 रुपये में लगाया जाता है। जबकि बाहर से यह डोज 200 से 300 रुपये में मिलती है। वहीं 16 मई को अस्पताल को टीके की 300 डोज मिली है। एक वायल से पांच मरीजों को वैक्सीन लगती है।

कुत्ता के काटने पर सबसे जरूरी काम

घाव को साफ पानी और साबुन से धोएं। ताकि घाव से खून और लार साफ हो जाए।

घाव पर एंटीसेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल क्रीम लगाएं। ताकि बैक्टीरियल इंफेक्शन का जोखिम कम हो।

घाव पर किसी तरह की पट्टी न बांधे बेहतर है कि घाव खुला रहे, ताकि जल्दी सूख जाए।

 कुत्ते के काटने के 24 घंटे के अंदर चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।