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केंद्र के इस फैसले से गुरुग्राम में 50 हजार से अधिक अधूरे फ्लैट्स पूरे होने की जगी आस

केंद्र सरकार द्वारा हाउ¨सग सेक्टर को 20 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा से साइबर सिटी की तस्वीर बदलने की उम्मीद है।

By Edited By: Published: Sun, 15 Sep 2019 06:33 PM (IST)Updated: Sun, 15 Sep 2019 07:31 PM (IST)
केंद्र के इस फैसले से गुरुग्राम में 50 हजार से अधिक अधूरे फ्लैट्स पूरे होने की जगी आस
केंद्र के इस फैसले से गुरुग्राम में 50 हजार से अधिक अधूरे फ्लैट्स पूरे होने की जगी आस

गुरुग्राम [आदित्य राज]। केंद्र सरकार द्वारा हाउसिंग सेक्टर को उबारने के लिए 20 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा से साइबर सिटी में भी हालात में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगी है। यहां 50 हजार से अधिक फ्लैट अधूरे हैं। यही नहीं बुकिंग के बाद भी हजारों फ्लैट्स का निर्माण तक शुरू नहीं हुआ। अब अधूरे पड़े प्रोजेक्टों को पूरा कराने के लिए बैंकों से पैसे मिलेंगे।

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इससे न केवल निराशा में डूबे हजारों लोगों को उनका आशियाना मिलेगा, बल्कि प्रॉपर्टी के कारोबार में भी उछाल आने की उम्मीद है। कुछ साल पहले तक साइबर सिटी में हर तरफ प्रॉपर्टी के कारोबार की धूम थी। जबसे बिल्डरों ने एक प्रोजेक्ट का पैसा दूसरे प्रोजेक्ट में लगाना शुरू किया, धीरे-धीरे कारोबार गिरता चला गया। बिना कुछ सोचे समझे बिल्डरों को पैसे देने वाले लोग पीछे हटने लगे। आज माहौल यह है कि जो फ्लैट्स 80 से 90 प्रतिशत भी तैयार हैं, उनके भी ग्राहक न के बराबर हैं। जिन लोगों ने फ्लैट्स बुक करा रखे हैं वे आगे पैसे देने को तैयार नहीं है क्योंकि उन्हें बिल्डरों के ऊपर भरोसा नहीं।

शहर में काम करने वाले अधिकतर बिल्डरों के खिलाफ विभिन्न थानों में मामला दर्ज है। इस वजह से अधूरे कार्य पूरे नहीं हो रहे हैं। बिल्डरों की स्थिति देख बैंकों ने पैसे देने बंद कर दिए। अब केंद्र सरकार द्वारा हाउसिंग सेक्टर को 20 हजार करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा से उम्मीद है कि हालात में सुधार आएगा।

सेक्टर-80 से 105 तक में पसरा है सन्नाटा
वैसे तो शहर के सभी इलाकों में कार्य अधूरे पड़े हैं लेकिन सबसे अधिक सन्नाटा सेक्टर-80 से लेकर सेक्टर-105 तक के इलाके में है। जिस रफ्तार से यहां काम शुरू हुआ था, कई वर्ष पहले ही ये इलाके पूरी तरह विकसित हो जाने चाहिए थे। आज इनमें से अधिकतर इलाकों में शाम के बाद जाने से पहले दस बार लोगों को सोचना पड़ता है। जहां रौनक होनी चाहिए थी वहां उदासी का आलम है। सरकार की निगरानी में हो निर्माण कार्य विभिन्न सोसायटियों में फ्लैट बुक कराने वाले लोगों का कहना है कि अधूरे पड़े निर्माण कार्य हो या फिर शुरू हो रहे निर्माण कार्य, सभी सरकार की निगरानी में हो।

अपनी सोसायटी का नाम न लिखने की शर्त पर फ्लैट बुक कराने वाले राजकुमार, जय सिंह एवं नरेश पंवार का कहना था कि प्रतिदिन के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए एक एजेंसी बनाई जानी चाहिए। अर्बन लैंड मैनेजमेंट के निदेशक दिनेश नागपाल का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्णय से प्रॉपर्टी के कारोबार में फिर से उछाल आएगा। अधूरे पड़े कार्य तेजी से पूरे होंगे। जो फ्लैट्स पूरी तरह तैयार हैं, उनके ग्राहक आज भी हैं। इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि लोग सभी बिल्डरों से नाराज हैं। यह सही है कि अगर समय पर प्रोजेक्ट पूरे किए जाते तो माहौल खराब नहीं होता।

नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष प्रवीण जैन का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्णय से जल्द ही माहौल पहले की तरह होने की उम्मीद है। अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए अब बैंकों से पैसे मिलने शुरू हो जाएंगे। लोगों की मांग के अनुरूप मॉनीटरिंग सिस्टम बना ही देना चाहिए जो प्रतिदिन की स्थिति पर रिपोर्ट तैयार करे। इससे लोगों का भरोसा बढ़ेगा। भरोसा उठने से ही आज ऐसी स्थिति पैदा हुई है।

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