हरियाणा के गुलियाणा का राममेहर था मारुति हिंसा कांड का लीडर
राममेहर उस समय प्लांट की कर्मचारी यूनियन का प्रधान था। पूरे प्रकरण में उसके नेतृत्व के सबूत भी पुलिस ने जुटाए थे।
सोनीपत (जेएनएन)। 18 जुलाई, 2012 को मारुति के मानेसर प्लांट में आगजनी और हत्याकांड की अगुवाई
कैथल के गुलियाणा गांव निवासी राममेहर ने की थी। राममेहर उस समय प्लांट की कर्मचारी यूनियन का प्रधान था। पूरे प्रकरण में उसके नेतृत्व के सबूत भी पुलिस ने जुटाए थे।
साढ़े चार साल से वह जेल में है। अब कोर्ट ने राममेहर की सजा का भी एलान कर दिया है। राममेहर के अलावा मारुति कर्मचारी यूनियन प्लांट मानेसर का कोषाध्यक्ष सुरेश ढुल भी कैथल के ही गांव सेरधा का रहने वाला था। उसे भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जो जमानत पर रिहा हुआ था।
परिवार सदमे में
राममेहर की सजा का फैसला होते ही उसके गांव गुलियाणा में सन्नाटे की स्थिति है। उसके परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं। एक बेटा पांचवीं कक्षा में पढ़ता है और दूसरा तीसरी में। पिता खेतीबाड़ी करते हैं। अदालती फैसले
के बाद उन्होंने बात करने से ही इन्कार कर दिया।
समझाया था मान जा राममेहर
वारदात के समय गुलियाणा के चार पूर्व सैनिक सुरक्षा में मानेसर में ही तैनात थे। प्रकरण में राममेहर की भूमिका को देखते हुए उन्होंने आगाह किया था, लेकिन वह उनकी सुनने को तैयार नहीं था। मानेसर में उस वक्त तैनात रहे एक प्रत्यक्षदर्शी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वह एक जघन्य कांड था और
राममेहर की इसमें मुख्य भूमिका थी।
कैथल में हुआ था सबसे बड़ा प्रदर्शन
मारुति कांड के फैसले के बाद जिले में एक बार फिर उस घटना का जिक्र ताजा हो गया है। 148 कर्मचारियों
की गिरफ्तारी के बाद प्रदेश भर के कर्मचारी संगठनों ने कैथल में डेरा डाल लिया था। चूंकि उस वक्त कैथल के विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला उद्योग मंत्री थे। उनके निवास पर हजारों कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया था। कैथल से ही 31 जनवरी 2014 से गुरुग्राम तक गिरफ्तार कर्मचारियों के हक में पैदल यात्रा भी निकाली गई थी।