Move to Jagran APP

घर पर कंजक पूजन कर मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप की पूजा-अर्चना

मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी की कंजक पूजन कर पूजा-अर्चना की। कोरोनाकाल में महागौरी पूजा का स्वरूप भी बदला-बदला सा नजर आया। जहां पहले घर में नौ कन्याओं को एक साथ बुलाकर भोजन कराया जाता था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 07:35 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 07:35 PM (IST)
घर पर कंजक पूजन कर मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप की पूजा-अर्चना
घर पर कंजक पूजन कर मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप की पूजा-अर्चना

संवाद सहयोगी, बादशाहपुर : मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप महागौरी की कंजक पूजन कर पूजा-अर्चना की। कोरोनाकाल में महागौरी पूजा का स्वरूप भी बदला-बदला सा नजर आया। जहां पहले घर में नौ कन्याओं को एक साथ बुलाकर भोजन कराया जाता था। इस बार अधिकतर महिलाओं ने नौ कन्याओं को उनके घरों पर जाकर ही खाने का सामान और उपहार दिए। पहले काफी लोग नवरात्र की अष्टमी को मंदिरों आदि में भंडारे का आयोजन करते थे। इस बार भंडारे भी नहीं लगाए गए।

loksabha election banner

अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजा-अर्चना के लिए 10 वर्ष से कम आयु की कन्याओं को अपने घर पर बुलाकर भोजन कराने और उनका आशीर्वाद लेने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कुछ महिलाओं ने तो अपने घर पर कन्याओं को बुलाकर भोजन कराया और उनका आशीर्वाद लिया। अधिकांश महिलाओं ने अपने घर पर कन्याओं को बुलाने से परहेज किया। सेक्टर-46 की भविषा बुद्धदेव का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सावधानी बहुत जरूरी है। कंजकों को घर पर बुलाने के बजाए उनके घरों पर ही जाकर उनको उपहार दिए। उनका आशीर्वाद लिया। इस बार उपहार में सिगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग खत्म करने की प्रेरणा के साथ स्टील के टिफिन आदि दिए गए हैं। सिगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सबसे घातक है। आरती शर्मा का कहना है कि नवरात्र में कंजक पूजन का विशेष महत्व है। कंजक पूजन के बिना नवरात्र के व्रत अधूरे माने जाते हैं। पर अभी हालात ठीक नहीं है। इसलिए उनके घरों पर जाकर ही कन्याओं को उपहार दिए गए हैं। महिला जागृति मंच बादशाहपुर की पूनम यादव ने बताया कि वह कंजक पूजन के लिए कई घरों में कन्याओं को बुलाने के लिए गई। लेकिन लोगों ने कोई ना कोई बहाना बनाकर कन्याओं को भेजने से मना कर दिया। अधिकतर महिलाओं को आज अष्टमी के दिन इस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सेक्टर-31 की रितु गोयल का कहना है कि इस बार कन्याओं को अपने घरों में बुलाने से भी काफी महिलाओं ने दूरी बनाकर रखी। वहीं कन्याओं के स्वजनों ने भी अपने बच्चों को दूसरों के घर भेजने से परहेज किया। कंजक पूजन के लिए कन्याओं को ढूंढना इस बार काफी दिक्कत भरा रहा। नगर निगम पार्षद कुलदीप यादव ने बताया कि वह नवरात्र पर पिछले कई वर्षों से अष्टमी को भंडारे का आयोजन करते आ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए भंडारे का आयोजन नहीं किया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.