नमो देव्यै महा देव्यै: कैंसर से लड़कर मिसाल बनीं महिला उद्यमी आरती
आरती कपूर ने बीमारी को ही नहीं हराया बल्कि खुद एक उद्यमी के रूप में स्थापित भी किया और दूसरे मरीजों के लिए एक उदाहरण बनीं।
पूनम, गुरुग्राम
वह सपनों की उड़ान भरने की कोशिश में थीं, लेकिन एक गंभीर बीमारी ने उसके सारे रास्ता बंद कर दिया। उन्होंने न सिर्फ बीमारी को हराया बल्कि खुद को एक उद्यमी के रूप में स्थापित भी किया और दूसरे मरीजों के लिए एक उदाहरण बनीं। पिछले दिनों मैक्स अस्पताल ने महिला उद्यमी आरती कपूर को 'निडर हमेशा' सम्मान से सम्मानित किया।
फैशन डिजाइनर आरती कपूर रोजमर्रा के जीवन सौंदर्य उत्पाद बनाती हैं। मेरीगोल्ड नेचुरल ब्रांड नाम से ऑनलाइन और देश के विभिन्न हिस्सों में दुकानों पर उनके द्वारा प्राकृतिक चीजों से बनाए फेशियल स्क्रब, फेस पैक, होम मेड, बॉडी ऑयल होम मेड साबुन जैसी चीजें बिकती हैं। आरती के बनाए इन उत्पादों की शुरुआत भी उनकी बीमारी के साथ हुआ। वर्ष 2010 में आरती कपूर को ब्रेस्ट कैंसर बताया गया। यह थर्ड स्टेज कैंसर था।
फैशन डिजाइनर के रूप में खुद को स्थापित करने की कोशिश में जुटी एक दस वर्षीय बेटे की मां के लिए यह बड़ा झटका था। तीसरे चरण के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के क्रम कीमियोथेरेपी के दौरान सिर के बाल, आइब्रो, आईलैशेज उड़ जाने के बाद भी आरती ने आत्मविश्वास नहीं खोया। बल्कि पहले से कई गुना ज्यादा ²ढ़ता के साथ अपना करियर बनाया है।
आरती बताती हैं कि मैं उस समय खुद कॉस्मेटिक्स का प्रयोग नहीं करती थी। इस दौरान प्राकृतिक चीजों के प्रयोग किया और कीमोथेरेपी के लिए आने वाली दूसरी मरीजों को भी वो चीजें देने लगी। रोजमर्रा की वो चीजें जो पूरी तरह प्राकृतिक हो। अभी भी मैं कुछ दवाइयां ले रही हूं मगर जो हैंडीक्राफ्ट के प्रोडक्ट मैं तैयार कर रही हूं, उसे कैंसर के मरीज, और बच्चे प्रयोग में ला सकते हैं। हालांकि बीमारी के कारण कमजोर हो चुके शरीर के कारण मैं उस तरह काम नहीं कर पा रही जितना कोई सामान्य व्यक्ति कर सकता है मगर कोशिश है कि उद्योग जगत में अपनी एक जगह बनाऊं। कई सम्मान से की जा चुकी हैं सम्मानित
आरती कपूर कैंसर पीड़ितों के लिए काम करने वाले कई संगठनों की मदद करती हैं। पिछले साल कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए आयोजित फैशन शो 'फेस्टिवल ऑफ होप-2018' में आरती रैंप पर उतरीं। राजीव गांधी ग्लेाबल एक्सीलेंस अवार्ड समेत 15 सरकारी संगठनों द्वारा उन्हें एक उद्यमी के रूप में और कैंसर पीड़ितों की मददगार के रूप में सम्मानित किया था। इसके अलावा नारी सम्मान 2017, गुरुग्राम अचीवर्स अवार्ड 2017, इंस्पायरिग वूमन अचीवर्स अवार्ड 2018, जूम एवरेस्ट अवार्ड 2018, द सोल पाथ ब्रेकर फॉर वूमन अवार्ड 2018, द राइजिग फोनिक्स अवार्ड 2018, इंटरनेशल जेंडर इक्वलिटी अवार्ड 2018 समेत कई सम्मान और पुरस्कार विभिन्न संगठनों ने आरती को दिए हैं। इनकी बॉयोग्राफी इनका इलाज करने वाली डॉक्टर गीता ने कॉफी टेबल बुक के रूप में लाइफ बियोंड कैंसर शीर्षक नाम से लिखी है। कैंसर पीड़ितों की करती हैं मदद
आरती बताती हैं कि कैंसर के बाद मैंने जिदगी के नए मायने देखे। छोटी-छोटी बातों में कितनी खुशियां, यह जाना कि हर व्यक्ति आपकी परवाह करता है। जिंदगी बहुत खूबसूरत है, इसके हर पल को खूबसूरती और सकारात्मकता से जीने की जरूरत है। कीमोथेरेपी के दौरान मेरे सभी बाल उड़ गए थे। मैं विग लगाती थी ताकि मेरे बेटा मुझ उस हालत में नहीं देख सके। कीमोथेरेपी में दर्द को कभी जाहिर नहीं किया।
आरती बताती हैं कि मैं अब हर कैंसर के मरीज को बताती हूं कि केवल आठ नौ महीने या साल भर का कठिन दौर होता है, उसे बुरे समय की तरह भूलकर एक नई शुरुआत करनी होती है। बेटे ऋदय ने मुझे संबल दिया जब जिदगी से जूझ रही थी तो यह लगता था कि मुझे बेटे के लिए जीना है। बहन अदिति ओबरॉय करीब दस महीने तक मेरे साथ रही, मेरे बेटे की हर खुशी का ख्याल रखा। यहां तक कि मेरा उद्योग मेरी गोल्ड शुरू करने में मेरी मदद की।