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नमन कुमार का नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज

13 साल के छात्र नमन कुमार ने अपनी प्रतिभा के बूते अपना नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराकर न केवल अपने अभिभावकों का बल्कि शहर का नाम भी रोशन किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 07:41 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 07:41 PM (IST)
नमन कुमार का नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज
नमन कुमार का नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज

वि., गुरुग्राम: 13 साल के छात्र नमन कुमार ने अपनी प्रतिभा के बूते अपना नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज कराकर न केवल अपने अभिभावकों का बल्कि शहर का नाम भी रोशन किया है। नमन के पिता रविद्र कुमार ने बताया कि नमन कुमार सिर्फ छूने मात्र से ही बता देते हैं कि पेपर पर क्या छपा हुआ है और उसका रंग क्या है। इतना ही नहीं, वह बंद आंखों से ही अखबार और किताबें पढ़ लेते हैं। नमन कुमार को पिछले तीन सौ साल का कैलेंडर इस तरह से याद है कि किस दिन क्या तारीख थी वह तुरंत बता सकते हैं।

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इसी हुनर को देखते हुए नमन के माता-पिता ने इंडिया बुक आफ रिकार्ड से संपर्क किया। 16 अक्टूबर को नमन कुमार ने 52 ताश के पत्तों को मात्र 19.94 सेकंड में बिना देखे पहचान के इतिहास बना दिया है। नमन कुमार इतनी कम उम्र में और इतने कम समय में ऐसा कारनामा करने वाले देश के अकेले विद्यार्थी हैं।

पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और इंडिया बुक आफ रिकार्ड के सीईओ डा. बिस्वरूप राय चौधरी ने नमन को सम्मानित किया है। नमन ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय वह अपने अध्यापक विनोद फुटेला को देते हैं। इस मौके पर नमन के साथ उनके अध्यापक विनोद फुटेला, नमन की दादी बिमला देवी और शीला देवी, ताऊ नरेंद्र, चाचा हरीश और मनोज, भाई तनिश और लकी मौजूद थे।


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