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मल्टीपरपज हॉल की डीपीसी में ही लगा दिए 21 करोड़ रुपये

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण(एचएसवीपी ) द्वारा ताऊ देवीलाल स्टेडियम में बनाए जा रहे मल्टीपरपस हॉल के के निर्माण में अनियमिताएं बरते जाने की बात सामने आ रही है। एक आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा मांगी जानकारी में सामने आया है कि कागजों में हाल का निर्माण पूरा किया जा चुका है लेकिन जमीनी हकीकत में निर्माण का लेवल अभी केवल डीपीसी पर ही पहुंचा है। इसी के चलते प्राधिकरण की तरफ से कुल 22 करोड़ के प्रोजेक्ट में अब तक 21.5 करोड़ रुपये की राशि की अदायगी भी कर दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 06:23 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 06:23 PM (IST)
मल्टीपरपज हॉल की डीपीसी में ही लगा दिए 21 करोड़ रुपये
मल्टीपरपज हॉल की डीपीसी में ही लगा दिए 21 करोड़ रुपये

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी ) द्वारा ताऊ देवीलाल स्टेडियम में बनाए जा रहे मल्टीपरपज हॉल के के निर्माण में अनियमिताएं बरते जाने की बात सामने आ रही है। एक आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा मांगी जानकारी में सामने आया है कि कागजों में हॉल का निर्माण पूरा किया जा चुका है, लेकिन जमीनी हकीकत में निर्माण का काम अभी केवल डीपीसी पर ही पहुंचा है। इसी के चलते प्राधिकरण की तरफ से कुल 22 करोड़ के प्रोजेक्ट में अब तक 21.5 करोड़ रुपये की राशि की अदायगी भी कर दी गई है।

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एचएसवीपी ने फरीदाबाद की गुरु नानक इंजीनिय¨रग सर्विस को जुलाई 2015 में स्टेडियम में मल्टीपरपज हॉल का निर्माण करने का ठेका 3.5 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान के साथ 13.5 करोड़ रुपये में अलॉट किया गया था। इसके निर्माण की अवधि का कुल समय 15 महीने का था लेकिन लापरवाही की हद है कि इंजीनिय¨रग ¨वग के अधिकारी जमीनी स्तर पर निर्माण की स्थिति से अवगत होते हुए भी प्रोजेक्ट की राशि को 13.5 करोड़ से बढ़ाकर 22 करोड़ रुपये कर देते हैं।

गुरुनानक इंजीनिय¨रग एजेंसी का यह पहला मामला नहीं है जिस पर सवाल उठे हों। इसी एजेंसी द्वारा सेक्टर-56 में भी एचएसवीपी विभाग के कंट्री क्लब प्रोजेक्ट का भी निर्माण किया जा रहा है । इस प्रोजेक्ट का अलॉटमेंट भी नवंबर 2015 में हुआ और 15 माह के भीतर यह प्रोजेक्ट पूरा होना था, लगभग 2 एकड़ में कंट्री क्लब का निर्माण का ठेका लगभग 11.88 करोड़ रुपये में दिया गया था। लेकिन बाद में यह राशि बढ़ाकर 19.60 करोड़ रुपये कर दी गई। इस प्रोजेक्ट की आरंभिक कुल टेंडर राशि 11.88 करोड़ रुपये थी और विभाग की तरफ से जून तक एजेंसी को 12 करोड़ रुपये की अदायगी कर दी गई लेकिन जमीनी स्तर पर अभी क्लब का ढांचा ही खड़ा हुआ है।

आरटीआइ कार्यकर्ता हरेन्द्र धींगडा का कहना है कि आरटीआइ से मिली जानकारी चौंकाने वाली है, इससे बड़ा भ्रष्टाचार नहीं हो सकता। खुलेआम दिन-दहाड़े सरकारी खजाने पर डकैती डाली जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में सेवानिवृत चीफ इंजीनियर एवं अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी से जांच कराने की मांग की है।


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