एमएसएमई बिल में संशोधन की मंजूरी से उद्योग जगत उत्साहित
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: औद्योगिक हब साइबर सिटी में माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: औद्योगिक हब साइबर सिटी में माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) की संख्या अच्छी खासी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एमएसएमई की पूर्व नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसमें यह तय कर दिया गया है कि एमएसएमई का निर्धारण अब निवेश के स्थान पर वार्षिक टर्नओवर के अनुसार होगा। इससे गुरुग्राम के उद्योग जगत में काफी उत्साहित है। उद्यमियों का कहना है कि उन्हें इस बात की भी उम्मीद है कि संसद के इसी सत्र में एमएसएमई डेवलपमेंट (संशोधित) विधेयक 2015 पास करा दिया जाएगा। ऐसा हुआ तो यह औद्योगिक विकास की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा।
पिछले कई सालों से गुरुग्राम ही नहीं देश भर के एमएसएमई उद्योगों की हालत काफी खराब है। इससे संबंधित उद्यमियों का कहना है कि बढ़ती वैश्विक कारोबारी प्रतियोगिता में वह लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। ऐसे में सरकारी प्रोत्साहन और ध्यान की जरूरत थी। अब जबकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एमएसएमई को लेकर निवेश के स्थान पर टर्नओवर के आधार पर वर्गीकरण करने के नीति को लेकर जो मंजूरी दी है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। इससे सूक्ष्म, और मध्यम उद्योगों को नया जीवन मिलेगा। उद्यमी संजीव खुराना का कहना है कि एमएमएसई की हालत पिछले 11 सालों से खराब है। इसे बढ़ावा देने के लिए उचित नीति की मांग लगातार चल रही है अब लगता है कि केंद्र सरकार ने उनकी ¨चताओं को समझा है।
हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि केंद्रीय कैबिनेट ने निवेश और मशीनरी के बेस पर एमएसएमई का निर्धारण नहीं करने का जो निर्णय लिया है वह उचित है। वार्षिक टर्नओवर के आधार पर इसका वर्गीकरण करना ठीक रहेगा। अब इस बिल को लोकसभा पास कर दे तो इस क्षेत्र को काफी राहत मिलेगी।
एमएसएमई का इस प्रकार से होगा निर्धारण
-एक करोड़ रुपये तक निवेश वाले उद्योग को माइक्रो इंडस्ट्री, अब यह सीमा पांच करोड़ तक प्रस्तावित
-पांच करोड़ रुपये तक निवेश वाले उद्योग को स्मॉल इंडस्ट्री, अब इसकी सीमा 75 करोड़ तक प्रस्तावित
-10 करोड़ रुपये तक निवेश वाले उद्योग को मीडियम इंडस्ट्री, अब यह सीमा 250 करोड़ तक प्रस्तावित
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए जिस संशोधन को मंजूरी दी है वह स्वागत योग्य है। इससे इन उद्योगों का मनोबल बढ़ेगा और विस्तार भी होगा। पहले निवेश के आधार पर इनकी सीमाएं निर्धारित की जाती थीं अब ऐसा वार्षिक टर्नओवर पर होगा। संसद के इसी सत्र में यह बिल पास होने की उम्मीद की जा रही है।
विकास जैन, प्रेसिडेंट गुड़गांव चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री