आने वाले सत्र में असल रूप से आदर्श बन सकेंगे माडल स्कूल
आदर्श स्कूलों की घोषणा को लंबा समय हो गया लेकिन संसाधनों के नाम पर स्कूलों का नाम तो बदल गया लेकिन सुविधाएं वहीं हैं। जिले के माडल स्कूलों को इंतजार है सुविधाओं का संसाधनों का और इन सबके बाद दाखिलों का।
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
आदर्श स्कूलों की घोषणा को लंबा समय हो गया लेकिन संसाधनों के नाम पर स्कूलों का नाम तो बदल गया लेकिन सुविधाएं वहीं हैं। जिले के माडल स्कूलों को इंतजार है सुविधाओं का, संसाधनों का और इन सबके बाद दाखिलों का। जहां पुराने बने माडल संस्कृति स्कूल सुशांत लोक में दाखिलों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए, वहीं नए बने माडल स्कूलों में विद्यार्थियों ने कोई खास रुझान नहीं दिखाया। इसका कारण यही है कि सुशांत लोक का माडल संस्कृति स्कूल सही मायनों में आदर्श होने के प्रमाण देता है। इसी स्कूल की तर्ज पर अन्य स्कूलों में संसाधनों का विकास करने की प्रक्रिया इस वर्ष गति पकड़ने की उम्मीद है।
नए खुले माडल संस्कृति स्कूलों के प्राचार्यों का कहना है कि स्कूलों में संसाधन नहीं होने का असर दाखिला प्रक्रिया पर दिखा है। स्कूलों में दाखिलों के लिए जागरूकता अभियान चलाना पड़ा। आसपास के क्षेत्रों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों के सहयोग से अभिभावकों को दाखिले के लिए जागरूक किया गया है। जिले के सभी खंडों में माडल संस्कृति स्कूल बनने के बाद भी दाखिले के लिए केवल सुशांत लोक स्थित माडल संस्कृति स्कूल को अभिभावकों ने प्राथमिकता दी है। एक अन्य कारण यह भी है कि पहली बार माडल संस्कृति बने स्कूल को लेकर अभिभावकों व विद्यार्थियों में जागरूकता का अभाव रहा क्योंकि पिछला सत्र आनलाइन ही चला। इस बार भी शुरुआत में दाखिला प्रक्रिया आनलाइन माध्यम से ही की गई थी। अब स्कूल खुलने के बाद यहां दाखिलों की संख्या में कुछ बढ़ोतरी हुई है। स्कूलों की स्थिति को लेकर होगी बैठक
जिले में 109 प्राथमिक माडल संस्कृति स्कूल हैं और चार सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। जिला परियोजना संयोजक कल्पना रंगा का कहना है कि अभी तक स्मार्ट टैब वितरित किए गए हैं और आने वाले समय में संसाधनों को और भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक मंगलवार को माडल स्कूलों की स्थिति और संसाधनों के विकास को लेकर बैठक करेंगे। इसमें जिले के विभाग के जेई (जूनियर इंजीनियर) की रिपोर्ट के आधार पर स्कूलों में संसाधनों के विकास पर काम किया जाएगा। कितने स्कूल हैं, उनमें कितने कमरे हैं, कमरों में बेंच से लेकर अन्य सुविधाओं की क्या स्थिति है सहित अन्य सुविधाओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।