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श्रमिकों की गृह राज्यों को वापसी उद्योग जगत के समक्ष बड़ी चुनौती

केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए औद्योगिक कामकाज शुरू कराने को कई प्रकार की ढील दी जा रही है। इससे उद्योग जगत के लोग काफी उत्साहित हैं। साथ ही उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं औद्योगिक इकाइयों के संचालन में श्रमिकों की कमी बांधा न बन जाए।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 07:00 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 07:00 PM (IST)
श्रमिकों की गृह राज्यों को वापसी उद्योग जगत के समक्ष बड़ी चुनौती
श्रमिकों की गृह राज्यों को वापसी उद्योग जगत के समक्ष बड़ी चुनौती

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा आर्थिक गतिविधियों को गति देने के लिए औद्योगिक कामकाज शुरू कराने को लेकर कई प्रकार की ढील दी जा रही है। इससे उद्योग जगत के लोग काफी उत्साहित हैं। साथ ही उन्हें इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं औद्योगिक इकाइयों के संचालन में श्रमिकों की कमी बांधा न बन जाए। गुरुग्राम में लगभग छह सौ औद्योगिक इकाइयों को संचालन की अनुमति मिल गई है मगर अभी इनमें उत्पादन शुरू नहीं हुआ है। आने वाले कुछ दिन में वहां काम शुरू होने की उम्मीद है। यही वजह है कि श्रमिकों की सही उपलब्धता का अनुमान अधिकतर उद्यमियों को अभी नहीं हो रही है। बता दें कि जिले से पांच लाख से अधिक श्रमिक पहले ही अपने गृह नगर लौट चुके हैं। ये श्रमिक अधिकतर औद्योगिक इकाइयों व कंस्ट्रक्शन साइटों पर काम करने वाले थे।

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उद्यमियों का कहना है कि मारुति, होंडा, हीरो मोटोकॉर्प सहित अन्य बड़ी कंपनियों में वाहनों का निर्माण शुरू होने के बाद ही श्रमिकों का सही आंकड़ा मिलेगा। इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एसोसिएशन, सेक्टर-37 के चेयरमैन दीपक मैनी का कहना है कि श्रमिकों को लेकर स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो गई है। जिस प्रकार से अभी भी श्रमिक अपने गृह राज्य जाने को तैयार हैं उससे यह स्पष्ट दिख रहा है कि आने वाले समय में श्रमिकों को लेकर उद्योग जगत की दिक्कत बढ़ने वाली है। कई उद्यमियों की शिकायत यह भी है कि उनके यहां काम करने वाले कई श्रमिक 17 मई के बाद काम पर लौटने को कह रहे हैं।

हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि सरकार दूसरे राज्यों के श्रमिकों को उनके राज्य भेजने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है। गुरुग्राम में इस समय रह रहे अधिकतर श्रमिक अपने प्रदेश लौटना चाहते हैं। इसका नजारा रविवार को खोह गांव में पंजीकरण के दौरान दिखा। वहां दूसरे राज्यों के श्रमिकों का भारी हुजूम उमड़ा था। श्रमिकों की कमी का सबसे विपरीत प्रभाव ऑटोमोबाइल, गारमेंट, पैकेजिग और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट पर पड़ेगा।


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