खतरे में मेयर की कुर्सी: फाइव स्टार की पिच पर रणनीति के चौके- छक्के
गुरुग्राम की मेयर मधु आजाद की कुर्सी फिर से खतरे में है। खफा पार्षदों ने तावडू स्थित एक फाइव स्टार होटल में मेयर को कुर्सी से उतारने के लिए रणनीति तैयार की। पार्षदों ने दिन में इस होटल के मैदान पर क्रिकेट खेला और चौके छक्के लगाए।
संदीप रतन, गुरुग्राम
गुरुग्राम की मेयर मधु आजाद की कुर्सी फिर से खतरे में है। खफा पार्षदों ने तावडू स्थित एक फाइव स्टार होटल में मेयर को कुर्सी से उतारने के लिए रणनीति तैयार की। पार्षदों ने दिन में इस होटल के मैदान पर क्रिकेट खेला और चौके छक्के लगाए। शाम को पार्षदों की लंबी वार्ता चली और आगे की रणनीति तैयार की गई। कुल 35 में से 20 पार्षद एकजुट हो गए हैं और अन्य पार्षदों से भी संपर्क किया जा रहा है। एक तरह से शहर की सरकार में फिर से सियासी घमासान शुरू हो चुका है।
हालांकि कुछ दिन पहले भी सीनियर डिप्टी मेयर प्रोमिला कबलाना के खिलाफ भी पार्षद एकजुट हुए थे, लेकिन किसी तरह से आपसी बातचीत से मामला शांत हो गया। लेकिन इस बार मेयर के खिलाफ पार्षद खुलकर सामने आ गए हैं। बार-बार सदन की बैठकों में मेयर और निगम अधिकारियों पर पार्षदों की सुनवाई नहीं करने के आरोप लग चुके हैं। निगम सदन में चल रही इस उथल-पुथल से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन दिनों निगम अधिकारियों मेयर व पार्षदों में पूरी तरह से खींचतान चल रही है । अविश्वास प्रस्ताव पास करने की तैयारी
मेयर के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले पार्षदों में भाजपा समर्थित व निर्दलीय पार्षद भी शामिल हैं। पार्षदों का कहना है कि न तो अधिकारी उनकी सुनते हैं और न ही मेयर उनका पक्ष लेती है। इस तरह से उनके वार्डों में काम नहीं हो रहे हैं और जनता उनसे सवाल पूछ रही है। बार-बार इस तरह से चल रही नाराजगी का गुस्सा शुक्रवार को फूटा और दोपहर में 20 पार्षद एकजुट होकर तावडू के फाइव स्टार होटल में पहुंच गए। शाम के वक्त शुरू हुई पार्षदों की बैठक देर रात तक चली। पार्षदों का कहना है कि मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।
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आज भी होटल में ही रुकेंगे पार्षद
पार्षदों के जोड़-तोड़ का खेल शुरू हो चुका है और पार्षद शनिवार को भी इसी फाइव स्टार होटल में ही रुकेंगे । इसको लेकर दिनभर पार्षद अपने दूसरे साथियों को फोन कर विचार विमर्श करते रहे । खास बात यह भी है कि एक दिन पहले ही मेयर व शहर के मुख्य पार्षद चंडीगढ़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ से भी मिले थे और नगर निगम से जुड़ी मांगों का पत्र भी सौंपा था। बता दें पिछले करीब डेढ़ साल में पार्षदों को शिकायत है कि निगम अधिकारी मनमाना रवैया अपना रहे हैं । सदन की बैठकों में भी इसको लेकर हंगामा हो चुका है। अब पार्षदों की इस लामबंदी का कितना असर होगा और अविश्वास प्रस्ताव लाने में पार्षद कितने सफल होंगे यह तस्वीर रविवार तक साफ हो जाएगी। घटनाक्रम को लेकर मेयर मधु आजाद का पक्ष जानने के लिए फोन पर संपर्क किया गया लेकिन बात नहीं हो पाई।