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वायु प्रदूषण पर नहीं किया नियंत्रण तो उद्योगों को होगी परेशानी

जैसे-जैसे सर्दी का मौसम निकट आ रहा है साइबर सिटी के उद्यमियों की चिता भी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मद्देनजर 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू हो जाएगा। इसे देखते हुए गुरुग्राम में प्रशासनिक स्तर पर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर ठोस प्रबंधन का किया जाना आवश्यक है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 05:32 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 05:32 PM (IST)
वायु प्रदूषण पर नहीं किया नियंत्रण तो उद्योगों को होगी परेशानी

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : जैसे-जैसे सर्दी का मौसम निकट आ रहा है, साइबर सिटी के उद्यमियों की चिता भी बढ़ती जा रही है। उनका कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मद्देनजर 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) लागू हो जाएगा। इसे देखते हुए गुरुग्राम में प्रशासनिक स्तर पर वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर ठोस प्रबंधन का किया जाना आवश्यक है। ऐसे होगा तो उद्योगों के संचालन में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आएगी। बता दें कि पिछले तीन-चार साल से औद्योगिक संचालन की राह में वायु प्रदूषण बड़ा रोड़ा बना हुआ है।

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उद्यमियों का कहना है कि गुरुग्राम में ऐसी औद्योगिक इकाइयां नहीं हैं, जो वायु प्रदूषण की कारक हों। इसके बावजूद उद्योगों का कामकाज इसकी वजह से नकारात्मक रूप से प्रभावित होता है। लंबे समय से वायु प्रदूषण का मुद्दा उद्योगों के गले की फांस बना हुआ है। गुरुग्राम फिर से गैस चैंबर नहीं बने, इसे लेकर जिम्मेदार सरकारी विभाग इस दिशा में बेहतर ढंग से काम करें। तभी वायु प्रदूषण से निपटा जा सकेगा। उद्यमी राजबीर चंद्रा का कहना है कि फसलों के अवशेष को जलाने से रोकने, उड़ती धूल, डीजल आटो आदि को नियंत्रित करने को लेकर ठोस कार्ययोजनाएं तैयार की जाएं। वहीं, बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाया जाए। इसे लेकर काम किया जाए तो गुरुग्राम सहित पूरे दिल्ली-एनसीआर को गैस चैंबर बनने से रोका जा सकता है। इससे आमजन के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। बिजली आपूर्ति बेहतर होगी तो औद्योगिक इकाइयों में डीजल जेनरेट का संचालन करना पड़ेगा। पूरी सर्दी औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली की गुणवत्तापूर्ण 24 घंटे की आपूर्ति होनी चाहिए।

हरियाणा इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के चेयरमैन किशन कपूर का कहना है कि गुरुग्राम स्थित औद्योगिक इकाइयों से वायु प्रदूषण नहीं होता है। यहां जो भी उत्सर्जन होता है, वह सरकार द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप है। ऐसे में उद्योगों को बिल्कुल भी वायु प्रदूषण के नाम पर निशाना नहीं बनाया जाए।

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अक्टूबर से सर्दी के मौसम की शुरुआत हो जाती है। इसी समय से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जाता है। इस बार गुरुग्राम सहित एनसीआर का क्षेत्र गैस चैंबर नहीं बने, इसे लेकर जमीनी स्तर पर अभी से काम करने की जरूरत है। अब अक्टूबर दूर नहीं है।

-मनोज जैन, डायरेक्टर, सुप्रीम रबर


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