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सार्थक काम करने में साहित्यकार कैडर से कम नहीं: शील मधुर

पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने कहा कि सार्थक काम करने के मामले में साहित्यकार किसी कैडर से कम नहीं हैं। उनका काम भारतीय जनमानस तक पहुंचेगा तो आदर्शो की, मानवीय मूल्यों की स्थापना हो सकेगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 06:37 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 08:05 PM (IST)
सार्थक काम करने में साहित्यकार कैडर से कम नहीं: शील मधुर

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने कहा कि सार्थक काम करने के मामले में साहित्यकार किसी कैडर से कम नहीं हैं। उनका काम भारतीय जनमानस तक पहुंचेगा तो आदर्शो की, मानवीय मूल्यों की स्थापना हो सकेगी। साहित्यकारों ने सदैव समाज को उन्नत दिशा दिखाई है।

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शील मधुर ने यह बात सेक्टर 4 स्थित सीसीए स्कूल में संस्था शब्द शक्ति के तत्वावधान में लेखिका सविता इन्द्र गुप्ता के लघुकथा संग्रह पिघलती बर्फ के विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर वरिष्ठ लघु कथाकार अशोक जैन ने कहा कि समय बीतने के साथ-साथ लघुकथा निरंतर विकसित हो रही है और कम शब्दों प्रभावशाली बात कहने का साम‌र्थ्य रखती है।

कथाकार मुकेश शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार उपन्यास में देवदास, लोलिता जैसे या कहानी में मुंशी प्रेमचंद के होरी, चन्द्रधर शर्मा गुलेरी के लहना ¨सह जैसे यादगार पात्र हैं,वैसे यादगार पात्रों का लघुकथा में अभाव है। उन्होंने लघुकथा में आनन्द मोहन अवस्थी के अन्नअप्पा, श्यामसुंदर अग्रवाल के संतू एवं मुकेश शर्मा की लघुकथा सारी रात के सतबीर सिपाही को ¨हदी लघुकथा के यादगार पात्र बताया। कहानीकार सुरेखा शर्मा, समीक्षक मनोज तिवारी, डॉ. इंदू राव ने विमोचित पुस्तक की समीक्षा करते हुए पुस्तक एवं लघुकथा के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला।


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