लाइफस्टाइल: फिटनेस पर छा रहा है 'गो ग्रीन' का कॉन्सेप्ट
फिटनेस को लेकर लगातार नए नए ट्रेंड स्थापित हो रहे हैं। हर तरह की टेक्नोलॉजी और नए प्रयोगों से लोग उकताने लगे हैं और उन्हें समझ में आने लगा है कि स्वस्थ जीवन पारंपरिक तरीकों से ही पाया जा सकता है। ऐसे में लोग फिर से जड़ों की ओर लौटने लगे हैं। अब तक हाइटेक उपकरणों से लैस जिम लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रहे थे लेकिन अब बदलते वक्त में फिटनेस प्रेमी फिर से प्रकृति और प्राकृतिक तरीकों से फिटनेस पा रहे हैं। ऐसे में जिम और योग केंद्रों में भी इस तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
प्रियंका दुबे मेहता, गुरुग्राम
फिटनेस को लेकर लगातार नए नए ट्रेंड स्थापित हो रहे हैं। हर तरह की टेक्नोलॉजी और नए प्रयोगों से लोग बोर होने लगे हैं और उन्हें समझ में आने लगा है कि स्वस्थ जीवन पारंपरिक तरीकों से ही पाया जा सकता है। ऐसे में लोग फिर से जड़ों की ओर लौटने लगे हैं। अब तक हाइटेक उपकरणों से लैस जिम लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रहे थे लेकिन अब बदलते वक्त में फिटनेस प्रेमी फिर से प्रकृति और प्राकृतिक तरीकों से फिटनेस पा रहे हैं। ऐसे में जिम और योग केंद्रों में भी इस तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। उपकरणों से बना रहे हैं दूरी
लोगों की मानसिकता को समझते हुए अब जिम और फिटनेस केंद्र भी उपकरणों से दूरी बना रहे हैं। फिटनेस एक्सपर्ट मानसी चावला का कहना है कि फिटनेस का मतलब अब कोई बॉडी बनाना या परफेक्ट फिगर पाना ही नहीं रह गया है। बदलते दौर में फिटनेस को मानसिक संतुलन, तनाव रहित जीवन और बेहतर व्यक्तित्व के साथ शारीरिक स्वास्थ्य का पैकेज माना जा रहा है। ऐसे में लोग प्रकृति का दामन पकड़ रहे हैं और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स व यांत्रिक उपकरणों से दूरी बनाकर सादगी से फिटनेस पा रहे हैं। फिटनेस के लिए वरदान मान रहे हैं प्रकृति से दोस्ती
फिटनेस एक्सपर्ट अमित का कहना है कि जितने शांत वातावरण और प्राकृतिक संसाधनों के बीच कसरत या योग किया जाएगा उतना अधिक फायदा होगा। प्राचीन काल में ऋषि मुनि इसी तरह से भौतिकता से दूर रहकर योग व तप करके स्वस्थ जीवन जीते थे। अब इसी तर्ज पर लोग फिट रहने के प्रयास कर रहे हैं। अमित के मुताबिक प्रकृति से दोस्ती दिल दिमाग को स्वस्थ रखती है। यांत्रिक संसाधनों व उपकरणों से कहीं न कहीं आर्टिफिशियल फिटनेस को बढ़ावा मिलता है, जिसके दूरगामी परिणाम सही नहीं होते। सुरों के साथ कदमताल
प्राकृतिक तरीके से फिटनेस पाने के लिए हरियाली के साथ साथ नृत्य, संगीत व कविताओं का सहारा भी लिया जा रहा है। ऐसे में लोग कविताओं की लय और संगीत के सुरों पर कसरत करते हैं। इसके लिए जिमों में खास तौर पर इंतजाम किए जा रहे हैं। फिट रहने के लिए सबसे पहली चीज है सुकूनदायक वातावरण। इसके बाद प्राकृतिक संसाधन और संगीत। इन चीजों का मेल हो जाए तो मानसिक सुकून तो अपने आप ही आ जाता है। मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति के लिए शारीरिक फिटनेस पाना बेहद आसान हो जाता है। यह ट्रेंड लोगों को बहुत पसंद आ रहा है।
- अमित, फिटनेस एक्सपर्ट, योगाहोलिक, दिल्ली बिना उपकरण के किए जाने वाली एक्सरसाइज को बॉडी वेट के सहारे किया जा रहा है। इसके अलावा वातावरण में हरियाली, माहौल में संगीत जुंबा व एरोबिक्स जैसी गतिविधियों के जरिए फिटनेस पाने का ट्रेंड लोगों को लुभा रहा है और लोग इसे ग्रो ग्रीन फिटनेस का नाम दे रहे हैं।
- असीम यादव, फिटनेस एक्सपर्ट, हाइप द जिम, दिल्ली