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पार्क विकसित करने को लेकर राज्यपाल को लिखी चिंट्ठी

कस्बे का एकमात्र 'भारत रत्?न डॉ. भीमराव आंबेडकर म्युनिसिपल पार्क' की दुर्दशा को लेकर ग्रामीणों ने राज्यपाल प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी को चिट्ठी लिख पार्क को विकसित करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि पार्क के बगल में ही नगरपालिका कार्यालय है, लेकिन नगरपालिका द्वारा इसे संवारने के बजाय कूड़ादान बना दिया गया है। पार्क में पौधों के स्थान पर मलबा व गंदगी के ढ़ेर लगे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jun 2018 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jun 2018 07:13 PM (IST)
पार्क विकसित करने को लेकर राज्यपाल को लिखी चिंट्ठी
पार्क विकसित करने को लेकर राज्यपाल को लिखी चिंट्ठी

संवाद सहयोगी, फरुखनगर: कस्बे का एकमात्र 'भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर म्युनिसिपल पार्क' की दुर्दशा को लेकर ग्रामीणों ने राज्यपाल प्रो. कप्तान ¨सह सोलंकी को चिट्ठी लिख पार्क को विकसित करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने बताया कि पार्क के बगल में ही नगरपालिका कार्यालय है, लेकिन नगरपालिका द्वारा इसे संवारने के बजाय कूड़ादान बना दिया गया है। पार्क में पौधों के स्थान पर मलबा व गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। लोगों ने बताया कि पार्क के सौंदर्यीकरण को लेकर कस्बे के लोग करीब दो दशक से मुख्यमंत्री और स्थानीय अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। परेशान होकर राज्यपाल के नाम पत्र लिखकर पार्क में अपने हाथों से पौध लगा पार्क की हरियाली लौटाने की मांग की है।

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26 साल पहले रखी गई थी पार्क की नींव: स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कस्बा का एक मात्र पार्क है जो करीब 18 सौ गज में फैला हुआ है। 8 अगस्त 1992 को तत्कालीन स्थानीय निकाय मंत्री चौधरी धर्मबीर गाबा ने पार्क बनाने की स्वीकृति दी थी और पास में ही वृद्ध आश्रम भवन का निर्माण करवाया था। करीब दस साल बाद साल 2002 में पटौदी के विधायक रामबीर ¨सह ने पार्क का उसका उद्घाटन किया था। पालिका प्रशासन के पास भवन नहीं होने के कारण करीब चार साल तक वृद्ध आश्रम को अपने कार्यलय के तौर पर इस्तेमाल करती रही। जिस संबंध में लोग विधायक व मंत्रियों से गुहार लगाते रहे और आखिर में सीएम ¨वडो में शिकायत दर्ज करवाई। सीएम विडो पर शिकायत के बाद मई 2015 में कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ¨सह की उपस्थिति में पार्षदों की बैठक में पार्क के पुन: निर्माण का प्रस्ताव पास किया गया। लोगों ने बताया कि 8 अक्टूबर 2017 को सीएम जनता दरबार में भी पार्क को संवारने की मांग रखी गई थी, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं मिला। आखिर में लोगों ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है। पार्क की मुख्य समस्या:

-पार्क में रखा जाता है सड़क और मकान से संबंधित मलबा

-पार्क की जर्जर हो चुकी दीवारें बन सकती है हादसा का कारण

-गेट के सामने बनी नाली से जाम के कारण सड़कों पर आ जाता है गंदा पानी

कस्बे का यह एकलौता पार्क है जहां वृद्ध, बच्चे व युवा अपना वक्त गुजारने आते हैं, लेकिन व्यवस्था खराब होने के कारण यहां बैठना भी मुश्किल है।

-कर्ण ¨सह, पूर्व सैनिक पार्क में जो वृद्ध आश्रम बनाया गया था उसका वृद्धों को एक दिन भी लाभ नहीं मिला। उसके बजाय आवारा पशुओं का अड्डा बन गया है पार्क।

-दयाराम, उपप्रधान, वाल्मिकी पंचायत


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