पूजा पंडाल में पढ़ाया जा रहा पर्यावरण संरक्षण का पाठ
साइबर सिटी में विघ्नहर्ता भगवान गणेश का दस दिवसीय महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार शहर में करीब आधा दर्जन पंडाल के अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घरों व मोहल्ले में भी गणपति प्रतिमा स्थापित किया है। शहर के कई पूजा पंडालों के बीच सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति द्वारा सेक्टर-27 स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित गणेश उत्सव पंडाल लोगों को खासा आकर्षित कर रही है। वजह है पूजा पंडाल में संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाते प्रतियोगिताओं का आयोजन। परिसर में चित्रकला, रंगोली और पाक कला जैसी प्रतियोगिता के जरिए लोगों को 'सेव ट्री, सेव अर्थ, सेव लाइफ' का पाठ पढ़ाया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे हिस्सा ले रहे हैं।
हंस राज, नया गुरुग्राम
साइबर सिटी में विघ्नहर्ता भगवान गणेश का दस दिवसीय महोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस बार शहर में करीब आधा दर्जन पंडालों के अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घरों व मोहल्ले में भी गणपति प्रतिमा स्थापित किया है। शहर के कई पूजा पंडालों के बीच सार्वजनिक गणेशोत्सव समिति द्वारा सेक्टर-27 स्थित सामुदायिक भवन में आयोजित गणेश उत्सव पंडाल लोगों को खासा आकर्षित कर रही है। वजह है पूजा पंडाल में संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा पर्यावरण संरक्षण का पाठ पढ़ाते प्रतियोगिताओं का आयोजन। परिसर में चित्रकला, रंगोली और पाक कला जैसी प्रतियोगिता के जरिए लोगों को 'सेव ट्री, सेव अर्थ, सेव लाइफ' का पाठ पढ़ाया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। परिसर दे रहा 'क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया' का संदेश :
पूजा पंडाल में महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक के साथ-साथ 'क्लीन इंडिया, ग्रीन इंडिया' का संदेश भी दिया जा रहा है। जहां परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को नि:शुल्क पौध भेंट किए जा रहे हैं वहीं परिसर तक पहुंचने के लिए नि:शुल्क ई-रिक्शा सेवा भी दी जा रही है। गणपति भक्तों को शहर के फव्वारा चौक (नजदीक बस स्टैंड), हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन और इफ्को चौक मेट्रो स्टेशन से ई-रिक्शा सेवा दी जा रही है। पहचान के लिए संस्था द्वारा चलाए जा रहे ऑटो पर गणेश महोत्सव की जानकारी वाले बैनर लगाए गए हैं। 'नो प्लास्टिक जोन' है परिसर : पूजा पंडाल में किसी भी तरह के प्लास्टिक पदार्थों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। परिसर में लगे विभिन्न स्टॉल्स पर भी कागज के डिस्पोजल का इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही प्रसाद के लिए भी नॉन बायोडिग्रेडेबल डिस्पोजेबल गिलास, पत्तल व दोने आदि के स्थान पर बायो डिग्रेडेबल गिलास, पत्तल व दोने का इस्तेमाल किया जा रहा है। यही नहीं पंडाल में स्थापित चार फीट की गणेश प्रतिमा महाराष्ट्र से मंगवाई गई है। मिट्टी से तैयार यह प्रतिमा सिर्फ 3 घंटे में पानी में पूरी तरह से घुल सकने वाली है। संस्था के सदस्यों के मुताबिक 23 सितंबर को सामुदायिक भवन के पास में ही कृत्रिम तालाब बनाकर गणेश प्रतिमा का भू-विसर्जन होगा, ताकि नदियां प्रदूषित न हों।