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संत रविदास के बताए मार्ग पर चल समतामूलक समाज का निर्माण संभव

संत रविदास की 642वीं जयंती सिविल लाइन स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद भवन में मनाई गई। इस कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश विधानसभा की उपाध्यक्ष संतोष यादव मौजूद रहीं। संत की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए संतोष ने कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलकर ही समतामूलक समाज का निर्माण किया जा सकता है। संतोष यादव ने कहा कि हर किसी को अपने व्यावहारिक जीवन में संत रविदास के विचारों और गुणों को शामिल करने की जरूरत है। उनके ऐसा करने से समाज में समरसता, एकता और अपनापन का सूत्रपात होता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 07:22 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 07:49 PM (IST)
संत रविदास के बताए मार्ग पर चल समतामूलक समाज का निर्माण संभव
संत रविदास के बताए मार्ग पर चल समतामूलक समाज का निर्माण संभव

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : संत रविदास की 642वीं जयंती सिविल लाइन स्थित स्वतंत्रता सेनानी जिला परिषद भवन में मनाई गई। कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश विधानसभा की उपाध्यक्ष संतोष यादव मौजूद रहीं। संत की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए संतोष ने कहा कि उनके बताए मार्ग पर चलकर ही समतामूलक समाज का निर्माण किया जा सकता है।

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अतिरिक्त उपायुक्त आरके ¨सह ने कहा कि संत रविदास संत, संत कबीर और मुंशी प्रेमचंद जैसे महापुरुषों का जन्म उत्तर प्रदेश में काशी और उसके आसपास के क्षेत्र में हुआ है क्योंकि उस समय उस क्षेत्र में रूढि़वादिता अधिक थी। इन महापुरुषों ने उसके खिलाफ आवाज उठाकर समाज को जागरूक करने का प्रयास किया। संत रविदास का यह कथन मन चंगा तो कठौती में गंगा बहुत प्रचलित है।


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