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जेनरेटर में उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण लगाना खर्चीला, सब्सिडी दे सरकार

आने वाली सर्दी में दिल्ली-एनसीआर फिर से गैस चैंबर में न तब्दील हो जाए इसे लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने दिल्ली में 125 केवीए या उससे अधिक क्षमता वाले डीजल जेनरेटर में उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण स्थापित करना अनिवार्य कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 05:40 PM (IST)Updated: Fri, 24 Sep 2021 05:40 PM (IST)
जेनरेटर में उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण लगाना खर्चीला, सब्सिडी दे सरकार
जेनरेटर में उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण लगाना खर्चीला, सब्सिडी दे सरकार

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: आने वाली सर्दी में दिल्ली-एनसीआर फिर से गैस चैंबर में न तब्दील हो जाए इसे लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने दिल्ली में 125 केवीए या उससे अधिक क्षमता वाले डीजल जेनरेटर में उत्सर्जन नियंत्रण उपकरण स्थापित करना अनिवार्य कर दिया है। इसका पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। इस कदम के बाद से गुरुग्राम के औद्योगिक क्षेत्रों में हलचल बढ़ गई है। स्थानीय उद्यमियों का कहना है कि डीजल जेनरेटरों का रेट्रोफिट कराना काफी खर्चीला है। कोविड-19 महामारी के बाद से उद्योगों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। ऐसे में रेट्रोफिट कराना एमएसएमई (माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज) के लिए संभव नहीं है। यदि यह यहां भी अनिवार्य किया जाता है तो इस उपकरण की खरीद पर उद्यमियों को सब्सिडी दी जाए। उद्यमियों की मांग है कि पीएनजी लाइन औद्योगिक क्षेत्रों में पहुंचाई जाए, जिससे डीजल जेनरेटर को लेकर आने वाली समस्या का पूरी तरह से समाधान हो जाए।

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गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष जेएन मंगला का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण सबसे अधिक तकलीफ उद्योगों को उठानी पड़ती है। यही कारण है कि इसके प्रति हर उद्यमी काफी जागरूक हैं। सभी चाहते हैं कि वायु प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान हो। इनका कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में पीएनजी लाइन की सुविधा पहुंचानी चाहिए। इससे वायु प्रदूषण से संबंधित समस्या का ठोस समाधान होगा।

फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री के प्रदेश महासचिव दीपक मैनी का कहना है कि डीजल जेनरेटर में जिस उपकरण को लगाने की बात चल रही है उसकी कीमत अधिक है। जानकारी के अनुसार इस पर तीन से चार लाख रुपये का खर्च आएगा। छोटे उद्योगों के लिए इतना खर्च करना बड़ा मुश्किल है।

गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीण यादव का कहना है कि रेट्रोफिट को डीजल जेनरेटर में इंस्टाल कराना महंगा है। हर उद्यमी इसका खर्चा नहीं उठा पाएगा। वायु प्रदूषण के संकट को दूर करने के लिए जुगाड़ की नहीं बल्कि ठोस समाधान की जरूरत है। सरकार को चाहिए कि वह हर औद्योगिक इकाइ तक पीएनजी की आपूर्ति का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कराए। हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गुरुग्राम के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप सिंह का कहना है कि डीजल जेनरेटर को लेकर जो भी आदेश मुख्यालय से आएगा उसके अनुसार अमल किया जाएगा।


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