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आजादी के बाद सबसे दयनीय हालत में पाकिस्तान

सेना में रहते हुए जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए आपरेशन में विशेष भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) जेबीएस यादव का मानना है कि वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से पाकिस्तान आज सबसे दयनीय हालत में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Aug 2019 04:52 PM (IST)Updated: Fri, 09 Aug 2019 04:52 PM (IST)
आजादी के बाद सबसे दयनीय हालत में पाकिस्तान
आजादी के बाद सबसे दयनीय हालत में पाकिस्तान

आदित्य राज, गुरुग्राम

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सेना में रहते हुए जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए आपरेशन में विशेष भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) जेबीएस यादव का मानना है कि वर्तमान केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से पाकिस्तान आज सबसे दयनीय हालत में है। उसे भारत सरकार ने कहीं भी कुछ करने या बोलने लायक नहीं छोड़ा है। जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को अलग-अलग करके दिखा दिया है कि आंतरिक मामलों में भारत को किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं।

शुक्रवार को दैनिक जागरण से खास बातचीत में लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) जेबीएस यादव ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 1965 एवं 1971 की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए आपरेशन में विशेष भूमिका निभाई थी। वे कारगिल युद्ध के दौरान भी वहां तैनात थे। सभी अनुभव के आधार पर उन्हें लगता है कि आज पाकिस्तान सबसे कमजोर स्थिति में है। उसे कहीं से भी कोई सहायता या सांत्वना नहीं मिलती हुई दिखाई दे रही है। कोई भी देश खुले रूप से उसे सांत्वना दे भी नहीं सकता क्योंकि केंद्र सरकार ने ऐसा काम किया है जिसका कोई काट नहीं। एक ही झटके में जम्मू-कश्मीर से 370 जैसी नासूर बनी समस्या का सफाया कर दिया। लद्दाख के लोगों की इच्छा के अनुरूप अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। पाकिस्तान शोर मचा सकता है, कुछ कर नहीं सकता

भारत सामरिक व आर्थिक सहित सभी क्षेत्रों में पाकिस्तान से काफी आगे है। यूं कहें कि दोनों में कोई तुलना ही नहीं है। ऐसी स्थिति में वह शोर मचा सकता है, कुछ कर नहीं सकता। वह आर्थिक रूप से इतना कमजोर हो चुका है कि व्यवस्था चलाना मुश्किल है, लड़ाई क्या करेगा? वैसे भी कारगिल युद्ध के बाद वह समझ चुका है कि सीधी लड़ाई नहीं लड़ सकता। कश्मीर में आतंकवाद की फसल उगा रहा था, वह भी खत्म हो गया। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद कानून व्यवस्था के ऊपर सीधा हस्तक्षेप केंद्र सरकार का होगा। इससे आतंकवादी संगठन अपने मंसूबे में अब कामयाब नहीं हो पाएगा। कुल मिलाकर कश्मीर में आतंकवादियों की दुकान पूरी तरह बंद हो जाएगी। भगोड़े को आने की इजाजत नहीं देनी चाहिए

जम्मू-कश्मीर के जो भी लोग पाकिस्तान में रहकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं, उन्हें किसी भी कीमत पर आने की इजाजत नहीं देनी चाहिए। माहौल सही होने का अब सभी दूसरी तरीके से लाभ उठाएंगे। उनके पास पैसे हैं, वे जमीन खरीद-बिक्री से लेकर कई कार्यों में शामिल होंगे। भगोड़ों को पता है कि अब अधिक दिन तक पाकिस्तान भी उन्हें नहीं झेल सकता। पाकिस्तान अपने स्वार्थ में उन्हें पाल रहा था। अब जब पाकिस्तान कश्मीर में कुछ कर ही नहीं पाएगा फिर भगोड़ों को क्यों रहने देना।

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