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डीजल के बढ़ते भाव से उद्योग व ट्रांसपोर्ट क्षेत्र संकट में

वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रहे उद्योग जगत और ट्रांसपोर्टरों की समस्या का अंत होता नहीं दिखाई दे रहा है। डीजल के लगातार बढ़ते दाम ने दोनों क्षेत्रों को परेशान कर रखा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 05:10 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 05:10 PM (IST)
डीजल के बढ़ते भाव से उद्योग व ट्रांसपोर्ट क्षेत्र संकट में
डीजल के बढ़ते भाव से उद्योग व ट्रांसपोर्ट क्षेत्र संकट में

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: वैश्विक महामारी कोविड-19 से जूझ रहे उद्योग जगत और ट्रांसपोर्टरों की समस्या का अंत होता नहीं दिखाई दे रहा है। डीजल के लगातार बढ़ते दाम ने दोनों क्षेत्रों को परेशान कर रखा है। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि एक तरफ उनके पास काम काफी कम है और जो है उसे पुराने अनुबंध के मुताबिक करने में आर्थिक नुकसान दिखाई दे रहा है। वहीं उद्यमियों का कहना है कि जैसे-जैसे डीजल के दाम बढ़ रहे हैं ट्रांसपोर्टरों की तरफ से माल भाड़ा बढ़ाने का दबाव उन पर पड़ रहा है।

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उद्यमियों का कहना है कि कोरोना महामारी के प्रभाव से उबरने का प्रयास उद्योग जगत कर रहा है, मगर अभी माहौल अत्यधिक नकारात्मक है। ऐसे में औद्योगिक कच्चे माल की कीमत आसमान छूने लगी है। उद्योगों के पास डिमांड कम है। ऐसे में डीजल के बढ़ते दाम ने उनकी राह को और संकटपूर्ण बना दिया है। गुड़गांव चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के महासचिव एसके आहूजा का कहना है कि डीजल के दाम बढ़ने से काफी दिक्कत हो गई है। बिजली के अभाव में फैक्ट्रियों में डीजल जेनरेटर के सहारे काम करना होता है। ऐसे में उत्पादन लागत काफी बढ़ जाती है। सभी प्रकार के औद्योगिक माल की ढुलाई का किराया भी बढ़ने लगता है।

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि जिस प्रकार से डीजल के रेट लगातार बढ़ते जा रहे हैं उसे देखते हुए दिनोंदिन काम करना मुश्किल होता जा रहा है। इनका यह भी कहना है कि उद्योगों के पास भी काम कम है, यह क्षेत्र भी काफी परेशान है। ऐसे में माल भाड़ा बढ़ाने में वह भी अपनी असमर्थता जताते हैं। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र के लोगों का कहना है कि गुरुग्राम में माल ढुलाई करने वाले छोटे बड़े वाहनों की संख्या लगभग डेढ़ लाख है। उनसे से मुश्किल से रोड पर 15 हजार के करीब ही चल रहे हैं।

ट्रांसपोर्टरों की हालत पिछले सवा साल से बहुत खराब है। डीजल के बढ़ते दाम राह में और कांटे बिछा रहे हैं। वहीं काम कम होने के कारण अधिकतर वाहन खड़े हैं। ऐसे में वाहनों की किस्त चुकाने में भी मुश्किल आ रहा है।

-प्रदीप मोदी, संचालक, मोदी ट्रांसपोर्ट कोरोना महामारी से जूझ रहे उद्योग जगत के लिए कच्चे माल की महंगाई बड़ी समस्या बन गई है। ऐसे में डीजल के बढ़े भाव से माल ढुलाई के भाड़े में वृद्धि होने का डर भी उद्यमियों को सताने लगा है।

मनोज जैन, उद्यमी


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