सुनिए वित्त मंत्री जी: आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाए जाने की जरूरत
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर से गुजर रहे लोगों को एक फरवरी को लोकसभा में पेश होने जा रहे आम बजट 2021-22 से काफी उम्मीदें हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर से गुजर रहे लोगों को एक फरवरी को लोकसभा में पेश होने जा रहे आम बजट 2021-22 से काफी उम्मीदें हैं। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बजट में मध्यम वर्ग के हितों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वहीं रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रविधान इसमें किए जाने की जरूरत है। लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए आयकर सहित अन्य प्रकार के करों में छूट देनी चाहिए।
देश की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 से उबारने के लिए के लिए बाजार में मांग बढ़ाना बहुत जरूरी है। लोगों के हाथों में अधिक धन पहुंचाना आवश्यक है। जिससे कि वह खरीदारी कर सकें। वहीं माइक्रो, स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज को फंड अदायगी की प्रक्रिया को आसान बनाने की सख्त आवश्यक्ता है। देश को वैश्विक अर्थव्यवस्था का यदि इंजन बनाना है तो इस दिशा में विशेष कदम उठाना बहुत जरूरी है। आत्मनिर्भर भारत को मजबूती देने लिए मैन्युफैक्चरिग क्षेत्र को नीतिगत सहयोग दिया जाना चाहिए। कच्चे माल की कीमत को बढ़ने से रोकने का भी प्रयास किया जाना चाहिए।
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वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट ने एमएसएमई और स्टार्टअप क्षेत्र को काफी प्रभावित किया। इस क्षेत्र को बल प्रदान करने के लिए बजट में जरूरी प्रविधान करने की जरूरत है। रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में भी ठोस उपाय किए जाएं।
डा. विवेक बिद्रा, फाउंडर एंड सीईओ, बड़ा बिजनेस
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केंद्र सरकार से मेरी मांग है कि मध्यम वर्ग पर लगाए जाने वाले कर में थोड़ी कटौती करे। जिससे कोरोना पीड़ित अर्थव्यवस्था को बल मिल सके। कर में छूट का लाभ यह होगा कि मध्यम वर्ग की परचेजिग पावर में वृद्धि होगी। इससे मार्केट में तरलता भी बढ़ेगी। इससे कुछ समय के लिए राजकोषीय घाटा बढ़ेगा पर बाद में इसकी भरपाई हो जाएगी।
आदित्य भारद्वाज, वित्तीय मामलों के विशेषज्ञ
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आयकर छूट की सीमा बढ़ाए जाने की जरूरत है। जिससे कारोबारियों से लेकर नौकरीपेशा लोगों को राहत मिल सके। कोरोना महामारी के कारण लोगों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसी स्थिति में लोगों को आम बजट 2021-22 से काफी उम्मीदें हैं।
मनदीप सेहरा, अधिवक्ता
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कोविड-19 के कारण आयकर दाताओं द्वारा मांग की जा रही है कि उन्हें सेक्शन 80डी के अंतर्गत मिलने वाले कर लाभ को बढ़ाकर कम से कम एक लाख रुपये तक किया जाए। कोरोना के कारण लोगों का स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ा है।
अभिषेक शर्मा, आइटी, इंजीनियर