स्वास्थ्य: आयुर्वेद में इलाज, जड़ से खत्म करता है बीमारी
बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारी पनपती है तो दवा खाने की मजबूरी हो जाती है। अंग्रेजी ज्यादा समय तक दवा खाना भी हानिकारक हो जाता है। शरीर के कई ऑर्गन फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आयुर्वेद इलाज लेना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है और बीमारी को जड़ से खत्म करने का ज्यादा असर दार भी है। आज के सीजन में लोगों को नार्मल बुखार में भी डेंगू लगता है।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम : बरसात के मौसम में कई तरह की बीमारियां पनपती हैं तो दवा खाने की मजबूरी हो जाती है। लेकिन ज्यादा समय तक दवा खाना भी हानिकारक हो जाता है। शरीर के कई ऑर्गन फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आयुर्वेद इलाज लेना स्वास्थ्य के लिए बेहतर है और बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए ज्यादा असरदार भी है।
आज के सीजन में लोगों को सामान्य बुखार भी डेंगू लगता है। आयुर्वेद डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू मरीज का इलाज देशी तरीके से भी किया जा सकता है। मरीज के प्लेटलेट्स कम होने की समस्या से निजात पाई जा सकती है। जिला नागरिक अस्पताल में आयुर्वेद डॉ. गीतांजली अरोड़ा ने कहा कि आयुर्वेद इलाज करवाने से महंगे इलाज से भी बचा सकता है। किसी भी मरीज को 6 से 7 इंच गिलोय का तना या पंचाग लेकर दो गिलास पानी में उबालकर ठंडा होने पर इसे हर आधे घंटे के बाद पिलाने से डेंगू बुखार में बड़ा लाभ मिलेगा। मरीज को (धान्याकादि हिम धनिया दो चम्मच, आंवला चूर्ण दो चम्मच, मुनक्का दो चम्मच, पर्यटक चूर्ण दो चम्मच) समान भाग में लेकर 4 गिलास पानी में रात को मिट्टी के बर्तन में रखने के बाद सुबह छान कर पिलाएं।
इसके अलावा दिन में 3-4 बार नारियल का पानी पीये और 8-10 लांग, 2-3 छोटी इलायची चार गिलास पानी में ढक कर उबालें और ठंडा होने पर 3-4 मिनट तक रूचि अनुसार रोगी को पीने दें। मरीज को पपीते के पत्तों का स्वरस एक चम्मच, थोड़ी सी मिश्री मिलाकर दिन में तीन बार देने से भी रोगी को लाभ होगा। मरीज को हरी सब्जियां घीया, तोरी, ¨टडा, कद्दू आदि का सेवन करने का ज्यादा लाभ मिलेगा और मौसमी फल जैसे मौसमी, संतरा, अनार, आंवला, पपीता, खीरा आदि का सेवन उत्तम रहता है।