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जिला वासियों के लिए बर्ड फ्लू का खतरा नहीं: डा. विरेंद्र यादव

एक पखवाड़े पहले दिल्ली एम्स में ग्यारह वर्षीय बच्चे की बर्ड फ्लू से मौत ने देशभर के लोगों को डरा दिया है। मृतक बच्चे का परिवार गुरुग्राम में रहता है। यही कारण है कि गुरुग्राम के लोगों को बर्ड फ्लू का डर अधिक सता रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 04:54 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 06:13 PM (IST)
जिला वासियों के लिए बर्ड फ्लू का खतरा नहीं: डा. विरेंद्र यादव
जिला वासियों के लिए बर्ड फ्लू का खतरा नहीं: डा. विरेंद्र यादव

एक पखवाड़े पहले दिल्ली एम्स में ग्यारह वर्षीय बच्चे की बर्ड फ्लू से मौत ने देशभर के लोगों को डरा दिया है। मृतक बच्चे का परिवार गुरुग्राम में रहता है। यही कारण है कि गुरुग्राम के लोगों को बर्ड फ्लू का डर अधिक सता रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों का दावा है कि उस इलाके में 15 हजार लोगों की जांच की जा चुकी है लेकिन किसी में बर्ड फ्लू के संक्रमण नहीं मिले है और न किसी मुर्गे या अन्य पक्षी की मौत की पुष्टि हुई है। लोगों की जांच चल रही है और स्वास्थ्य विभाग बर्ड फ्लू को लेकर सतर्क है। अगर शहर में बर्ड फ्लू फैलता है तो कोरोना संक्रमण के साथ शहर के लोगों पर दोहरी मार होगी। इन तमाम मुद्दों पर सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव की दैनिक जागरण के अनिल भारद्वाज के साथ खास बातचीत के मुख्य:

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. गुरुग्राम के बच्चे की मौत से जिला वासियों पर बर्ड फ्लू का कितना खतरा है?

- बर्ड फ्लू का कोई खतरा नहीं है। जहां पर बच्चे का परिवार रहता है वहां के आसपास इलाके में हमने 15 हजार लोगों की जांच की है और अभी जांच चल रही है। ऐसा एक भी व्यक्ति नहीं मिला जिसमें बर्ड फ्लू के लक्षण हों। मैं जांच के आधार पर दावा कर रहा हूं कि जिलावासियों पर बर्ड फ्लू का कोई खतरा नहीं है। बच्चे की मौत 11 जुलाई को हुई है और आज 25 जुलाई हो चुकी है। अगर बर्ड फ्लू संक्रमण का फैलाव होता, तो अभी तक कई मरीज मिल चुके होते। फिर भी हम हल्के में नहीं ले सकते। बच्चे के घर से लेकर दस किलोमीटर तक सभी घरों में जांच की जा रही है। . बच्चा ब्लड कैंसर से ग्रस्त था और एम्स के डाक्टरों ने बच्चे की मौत की वजह ब्लड कैंसर बताई है। इस बारे में आपका क्या कहना है?

- बच्चा बर्ड फ्लू से ग्रस्त था और उसका लंबे समय से एम्स में इलाज चल रहा था। डाक्टरों ने लक्षणों को देखते हुए बच्चे के सैंपल राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडी) में भेजे थे जिसमें बर्ड फ्लू संक्रमण भी पाया गया। यही चिता का विषय है कि वह कहां पर बर्ड फ्लू संक्रमित हुआ। वह लंबे समय से दिल्ली एम्स में इलाज ले रहा था और यह भी संभव है कि बच्चा वहीं पर बर्ड फ्लू संक्रमित हुआ हो। हमारा प्रयास यही है कि गुरुग्राम में बर्ड फ्लू संक्रमण न फैल पाए। जांच तेजी से की जा रही है। सभी पीएचसी व सीएचसी पर डाक्टरों को बोला गया है कि वह अपने अपने इलाके में ऐसे मरीजों पर ध्यान दें। हम पशुपालन विभाग के संपर्क में हैं ताकि कहीं पर भी किसी मुर्गे-मुर्गी की मौत होती है तो बताया जा सके। फिर वहां पर लोगों की जांच की जाएगी। . बच्चे की मौत के बाद देश में कोई बर्ड फ्लू का मरीज नहीं मिला है। यह कैसे हो सकता है कि एक के बाद दूसरा मरीज न मिले?

- हां, चिता का बड़ा विषय ही है कि बच्चा बर्ड फ्लू संक्रमित हुआ कहां पर है, क्योंकि गुरुग्राम में अभी तक ऐसे कोई कारण स्पष्ट नहीं हुए है। जिस जगह बच्चे को संक्रमण हुआ है, वहां पर खतरा अभी भी है। इसी कारण हम अधिक लोगों की जांच कर रहे हैं लेकिन जिलावासियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। बच्चा दिल्ली इलाज के लिए जाता रहा है और कुछ दिनों से एम्स में भर्ती था। हो सकता है वहां पर कोई कारण बना हो। इस पर जांच चल रही है। यह भी कहा जा रहा है कि बच्चे को अपने मोहल्ले में संक्रमण हुआ जहां राजस्थान से मुर्गे आए थे।

- यह पशुपालन विभाग ही बता सकता है लेकिन हमारी गांव चकरपुर में सभी मीट व मुर्गे वाली दुकानों पर बात हुई है, तो अभी कोई मुर्गा मरा हुआ नहीं मिला है। पशुपालन विभाग लगातार जिले में निगरानी रखे हुए है और हम विभाग के अधिकारियों से संपर्क में है। . आम लोग बर्ड फ्लू के लक्षण की कैसे पहचान कर सकते हैं?

- कोरोना व बर्ड फ्लू के कुछ लक्षण एक समान है। इसलिए बुखार होने पर स्वयं दवा लेने से बचें। किसी डाक्टर को दिखाएं, ताकि स्थिति स्पष्ट हो जाए कि मरीज को सामान्य बुखार है या कोरोना और बर्ड फ्लू के लक्षण तो नहीं हैं। बर्ड फ्लू के लक्षण में सूखी खांसी के साथ कफ बनना, डायरिया की शिकायत, तेज बुखार होना, पेट दर्द होना, सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द, गले में खराश, हड्डियों व जोड़ों में दर्द, नाक बहना, घबराहट होना बर्ड फ्लू के लक्षण हैं। . बारिश के मौसम में शहर में जलभराव की समस्या है, जिसमें डेंगू पनपने का खतरा है। स्वास्थ्य विभाग की मरीजों के इलाज को लेकर क्या तैयारी है?

- सेक्टर दस जिला अस्पताल में हमने हर वर्ष की तरह अलग वार्ड तैयार किया हुआ है। अभी डेंगू का कोई मरीज नहीं मिला है लेकिन कम प्लेटलेट्स मरीजों में मिल रहे हैं। पहले हमारी कोशिश है कि शहर में डेंगू न पनप सके। इसके लिए लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जा रहा है। डेंगू जैसी महामारी से अकेले नहीं निपटा जा सकता। हम इलाज देने में सक्षम हैं लेकिन हमारी मिलकर कोशिश रहनी चाहिए कि डेंगू मच्छर पैदा ही न हो सके। जहां तक जलभराव की बात है तो नगर निगम अधिकारियों को सूचित करे, ताकि वहां पर पानी निकला जा सके और मच्छर न पनप सकें। - कुछ केंद्रों पर कोरोनारोधी टीका लगवाने वालों की अधिक संख्या रहती है। वहां लोगों को बिना टीका लगवाए वापस जाना पड़ रहा है?

- हम हर केंद्र पर एक संख्या तय करते हैं और कुछ पर अधिक लोग पहुंचने के कारण ऐसी समस्या होती है। मैं यहां यही कहना चाहूंगा कि सभी को सहयोग करना होगा। आज नहीं तो कल सभी को टीका लगा दिया जाएगा। हम साथ-साथ पहला व दूसरा टीका भी लगा रहे हैं। उन लोगों का भी ध्यान रखना होता है जिनका दूसरा टीका लगवाने का समय हो चुका है। इस लिए कई बार कई केंद्रों पर दूसरा टीका लगाने का ही अभियान चलाते हैं। . अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य कई देशों में फिर कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। क्या उन देशों से गुरुग्राम में खतरा अधिक बढ़ गया है।

- जिन देशों में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है वहां से कोई आता है तो कुछ दिन अपने पर घर रहे। वह आकर अपनी जांच जरूर कराए। खतरा जरूर रहेगा लेकिन सावधानी इस खतरे को टाल देगी। जरूरी नहीं है कि इन देशों से आने वाले लोगों में कोरोना संक्रमण होगा ही लेकिन आने के बाद की सावधानी सबको स्वस्थ रखेंगी। . क्या हाल के दिनों में नए वेरिएंट डेल्टा प्लस का कोई मरीज मिला है?

- प्रदेश में अभी एक मरीज फरीदाबाद में मिला है। गुरुग्राम में कोई ऐसा मरीज नहीं मिला है। कोरोना संक्रमण में अभी राहत है। तीसरी लहर आने से पहले सभी को चौकन्ना रहना होगा। सावधानी बरतनी होगी। अगर बचाव के नियमों पर अभी से ध्यान देंगे, तो तीसरी लहर कमजोर साबित होगी। नाम: विरेंद्र यादव

जन्म स्थान : गांव बीरण, जिला भिवानी

शिक्षा, एमबीबीएस रोहतक मेडिकल कालेज 1993

एमडी: रोहतक मेडिकल कालेज 2003

विशेषज्ञ: मेडिसन,डीएम कार्डियो : 2008

नियुक्ति: हरियाणा मेडिकल सर्विस 1995

सिविल सर्जन पद पर नियुक्ति : फरीदाबाद,चरखी दादरी, करनाल, नूंह, गुरुग्राम


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