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गुरुग्राम को स्मार्ट नहीं, स्मार्टेस्ट सिटी बनाएंगे: मनोहर लाल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हम गुरुग्राम को स्मार्ट नहीं, स्म

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 May 2018 09:30 PM (IST)Updated: Sun, 27 May 2018 09:41 PM (IST)
गुरुग्राम को स्मार्ट नहीं, स्मार्टेस्ट सिटी बनाएंगे: मनोहर लाल
गुरुग्राम को स्मार्ट नहीं, स्मार्टेस्ट सिटी बनाएंगे: मनोहर लाल

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि हम गुरुग्राम को स्मार्ट नहीं, स्मार्टेस्ट सिटी बनाएंगे। इस मुहिम पर तेजी से काम शुरू हो गया है। ऑप्टीकल फाइवर नेटवर्क बिछाने के 75 करोड़ रुपये के दो प्रोजेक्ट अलॉट हो चुके हैं, इंसीडेंट कमांड सेंटर खोलने के लिए 65 करोड़ का टेंडर छोड़ दिया गया है। 60 करोड़ रुपये की अनुमानत लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए डीपीआर बन चुकी है, जो अगले महीने तक प्रस्तुत कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कार्यो के लिए अभी स्मार्ट सिटी घोषित किए गए करनाल तथा फरीदाबाद शहरों में तो योजनाएं ही बनाई जा रही हैं।

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मुख्यमंत्री यहां सेक्टर -43 स्थित पॉवरग्रीड टाउनशिप के एमपी हॉल में मोदी सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित बुद्धिजीवी संगोष्ठी में बोल रहे थे। कार्यक्रम में गुरुग्राम लोकसभा सीट से सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत ¨सह के अलावा, हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ¨सह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, भाजपा की राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व सांसद सुधा यादव, भाजपा की प्रदेश सचिव गार्गी कक्कड़, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैन व अमित आर्य, हरियाणा हाउ¨सग बोर्ड के चेयरमैन जवाहर यादव, मेयर मधु आजाद तथा जिला के सभी विधायकगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये की राशि दी जाती है जबकि गुरुग्राम में तो अकेले नगर निगम के पास 2 हजार करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध है, इसलिए 500 करोड़ रुपये यहां पर ज्यादा मायने नहीं रखते। उन्होंने कहा कि हम गुरुग्राम को भारत की सिलिकॉन सिटी के रूप में विकसित करना चाहते हैं और इस दिशा में काम भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां गुरुग्राम में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए विस्तरित परियोजना रिपोर्ट बन चुकी है जो 15 जून तक प्रस्तुत कर दी जाएगी। कैमरे लगाने पर लगभग 60 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा, विकास के चार पैमाने माने जाते हैं जिनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार, व्यवस्था परिवर्तन, खुशहाल समाज तथा समाज का दिशा परिवर्तन अर्थात सामाजिक चेतना जागृत करना शामिल है। इनके अलावा, अब 5वां पैमाना 'समाज कैसे खुश रहे' अर्थात कुछ शहरों ने अब हैपिनेस इंडेक्स मापना शुरू कर दिया है।

उन्होंने कहा कि अपने तनाव को खत्म करो और खुश रहो। इसीलिए सण्डे को फन-डे बनाने के लिए राहगीरी कार्यक्रम शुरू किया गया है।


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