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महिलाओं को एनीमिया और बच्चों को कुपोषण से बचाने के करेंगेउपाय

जिला प्रशासन ने आगामी दो साल में जिले को कुपोषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसे लेकर जिले में अभियान चलाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Mar 2021 03:52 PM (IST)Updated: Wed, 10 Mar 2021 03:52 PM (IST)
महिलाओं को एनीमिया और बच्चों को 
कुपोषण से बचाने के करेंगेउपाय
महिलाओं को एनीमिया और बच्चों को कुपोषण से बचाने के करेंगेउपाय

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: जिला प्रशासन ने आगामी दो साल में जिले को कुपोषण मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। इसे लेकर जिले में अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत महिलाओं को एनीमिया मुक्त करने व बच्चों को कुपोषण से बचाने के उपाय किए जाएंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों के वजन, लंबाई व उनके स्वास्थ्य की स्थिति जानने के लिए सर्वे कराया जाएगा। इस अभियान में फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च संस्थान व सेव द चिल्ड्रेंस संस्थाएं भी प्रशासन का सहयोग करेंगी। इसके लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की 300 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सात दिन का प्रशिक्षण देकर मास्टर ट्रेनर बनाया गया है।

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मास्टर ट्रेनर के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सिविल लाइन स्थित जिला स्वतंत्रता सेनानी भवन में हुआ। बुधवार को इसका समापन हुआ। इस मौके पर उपायुक्त डा. यश गर्ग बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने सेव द चिल्ड्रन संस्था के सीईओ सुदर्शन के साथ एक करार पर भी हस्ताक्षर किए। यह संस्था जिले में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच के सर्वेक्षण में क्षमता संवर्धन में सहयोग करेगी।

इस मौके पर उपायुक्त ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा आर्थिक रूप से सक्षम होने के बावजूद जिले में बच्चे कुपोषित हों व महिलाओं में एनीमिया की शिकायत चिंताजनक है। इसका अर्थ यही हुआ कि हम अपना काम ठीक ढंग से नहीं कर रहे हैं। अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार ने कहा कि महिला एवं बाल विभाग के छह खंड जिले में हैं जिनमें से गुरुग्राम ग्रामीण खंड में यह सर्वे पहले करके इसे माडल ब्लाक बनाया जाएगा। जिन पर दूसरों को बताने की जिम्मेदारी, वही एनीमिया ग्रस्त

जिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जिले की महिलाओं को एनीमिया और बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया गया, उनमें से 30 प्रतिशत स्वयं एनीमिया से ग्रस्त मिलीं। इसकी जानकारी फोर्टिस अस्पताल द्वारा जिला स्वतंत्रता सेनानी भवन में इनके ह्यूमोग्लोबिन लेवल जांच के दौरान मिली। इस पर उपायुक्त डा. यश गर्ग ने हैरानी जताई। कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पहले स्वयं एनीमिया से मुक्त हों। इसके बाद जाकर घर-घर महिलाओं को इससे मुक्ति के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एनीमिया मुक्त बनने में डा. राहुल भार्गव के नेतृत्व में फोर्टिस अस्पताल की टीम मदद करेगी।


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