कंडम पीसीआर के सहारे गुरुग्राम की हाइटेक पुलिस
संजय गुलाटी, गुरुग्राम भले ही पुलिस को हाईटेक करने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन हक
संजय गुलाटी, गुरुग्राम
भले ही पुलिस को हाईटेक करने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन हकीकत तो यह है कि पुलिस पीसीआर (जिप्सी) तक ठीक हालत में नहीं हैं। कई जिप्सी तो कंडम घोषित की जा चुकी हैं। इन हालातों में बदमाश पुलिस कर्मियों को अंगूठा दिखा भाग जाते हैं। कई बार ऐसा हुआ है कि बदमाशों का पीछा करते समय पुलिस जिप्सी बंद हो गई और पुलिस कर्मियों को मुंह की खानी पड़ी। दबी जुबान पुलिस कर्मी भी कहने लगे हैं कि गुरुग्राम में जिस प्रकार से क्राइम बढ़ रहा है, ऐसे में पुलिस के पास भी बेहतर और हाइटेक संसाधनों का होना जरूरी है। पुलिस कर्मियों का
कहना है कि रात में ड्यूटी करना काफी खतरनाक हो गया है। कई बार तो बदमाश नाके को तोड़ फरार होने लगते हैं। जब पुलिस उनका पीछा करने के लिए पीसीआर स्टार्ट की जाती है तो वह स्टार्ट नहीं होती है। रविवार की रात एक एसपीओ मुकेश को बदमाशों ने अपनी जायलो से कुचल कर मार दिया था। अन्य पुलिस कर्मी मूक दर्शक बने रहे मौके पर पीसीआर तुरंत पहुंची पर बदमाशों का पीछा करने लायक जिप्सी नहीं थी।
पुलिस के कुल पीसीआर- 58
कंडम हुई पीसीआर- 9
कंडम करने के लिए प्रस्तावित-27 (हालांकि अभी रोड पर चल रही हैं)
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22 पीसीआर 2006 से 2009 मॉडल की
जब 27 पीसीआर कंडम होने के बाद गुरुग्राम पुलिस के पास 26 लाख लोगों की सुरक्षा के लिए सिर्फ 22 पीसीआर उपलब्ध रहेंगी। बता दें कि यह 22 पीसीआर 2006 से 2009 मॉडल की हैं इनकी भी स्थित ठीक नहीं हैं। जरूरत तो यहां सवा सौ पीसीआर की है। कुछ वाहन निजी कंपनी की ओर से पुलिस को मिले भी हैं लेकिन वह सीमित क्षेत्र तक ही सीमित हैं।
पूरे प्रदेश के लिए छह सौ नए वाहन खरीद रहे हैं। गुरुग्राम पुलिस को 70 गाड़ी दी जाएंगी। हर थाने को दो नए वाहन मिलेंगे। यह सुविधा एक से दो माह के अंदर मिल जाएगी।
- बीएस संधू , पुलिस महानिदेशक हरियाणा।