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कंसेंट मामले में जीआइए ने अपने मेंबरों से मांगा फीडबैक

ग्रीन कटेगरी में शमिल माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) द्वारा फिर से सहमति (कंसेंट) के दायरे में लाने का उद्योग जगत विरोध कर रहा है। इसे लेकर गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) द्वारा अपने मेंबरों को पत्र लिखा गया है। इन सभी ने इसके बारे में फीडबैक मांगा जा रहा है। जीआइए अध्यक्ष का कहना है कि अगर सभी सहमत होंगे तो प्रदेश के उद्योग मंत्री विपुल गोयल के समक्ष इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 07:17 PM (IST)
कंसेंट मामले में जीआइए ने अपने मेंबरों से मांगा फीडबैक
कंसेंट मामले में जीआइए ने अपने मेंबरों से मांगा फीडबैक

फोटो 10 जीयूआर 24

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- ग्रीन कैटेगरी में शामिल इंडस्ट्री के लिए कंसेंट प्रक्रिया जरूरी होने से परेशानी

- नाखुश है साइबर सिटी का उद्योग जगत जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: ग्रीन कटेगरी में शमिल माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) द्वारा फिर से सहमति (कंसेंट) के दायरे में लाने का उद्योग जगत विरोध कर रहा है। इसे लेकर गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (जीआइए) द्वारा अपने मेंबरों को पत्र लिखा गया है। इन सभी से इसके बारे में फीडबैक मांगा जा रहा है। जीआइए अध्यक्ष का कहना है कि अगर सभी सहमत होंगे तो प्रदेश के उद्योग मंत्री विपुल गोयल के समक्ष इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

बता दें कि एचएसपीसीबी ने कुछ समय पहले अपनी सहमति प्रक्रिया में संशोधन करते हुए ग्रीन कटेगरी में शामिल इंडस्ट्री को भी इसके दायरे में ला दिया है। उद्यमियों का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले पर गौर करना चाहिए। यह कारोबारी सहूलियत की दिशा में बड़ी बांधा बन गई है। इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो औद्योगिक विस्तार में यह रोड़ा बन जाएगा। पहले एमएसएमई को इस प्रकार की सहमति लेने की प्रक्रिया से छूट दी गई थी। जीआइए प्रबंधन ने अपने तीन सौ से अधिक मेंबरों से फीडबैक मांगा है। उनकी ओर से जवाब भी आने शुरू हो गए हैं।

उद्यमी प्रवीण यादव का कहना है कि कंसेंट को लेकर लिया गया यह निर्णय औद्योगिक हित में नहीं है। इसे जितनी जल्दी हो सके सरकार को वापस लेना चाहिए। इससे इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा। ग्रीन कटेगरी की इंडस्ट्री को कंसेंट के दायरे में लाना कहीं से भी उचित नहीं है। इससे उद्योग जगत की परेशानी बढ़ गई है। जीआइए मेंबरों से इस बारे में फीडबैक मांगा गया है। जल्द ही इस मामले को प्रदेश के उद्योग मंत्री विपुल गोयल के समक्ष उठाया जाएगा। उन्हें गुरुग्राम बुलाने का भी किया जाएगा।

जेएन मंगला, प्रेसिडेंट गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन


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