Move to Jagran APP

सुनिए वित्त मंत्री जी : आटोमोबाइल क्षेत्र की गतिशीलता बढ़ाने वाला हो आम बजट

वैश्विक महामारी कोविड-19 की दस्तक के पूर्व से ही आटोमोबाइल क्षेत्र की हालत बेहतर नहीं थी। इसके आने के बाद तो वाहनों के उत्पादन से लेकर बिक्री तक का काम पुरी तरह बेपटरी हो गया। नवरात्र से लेकर दिपावली तक चले त्योहारी सीजन ने इस क्षेत्र को गति देने का काम किया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 05:48 PM (IST)
सुनिए वित्त मंत्री जी : आटोमोबाइल क्षेत्र की गतिशीलता बढ़ाने वाला हो आम बजट

यशलोक सिंह, गुरुग्राम

loksabha election banner

वैश्विक महामारी कोविड-19 की दस्तक के पूर्व से ही आटोमोबाइल क्षेत्र की हालत बेहतर नहीं थी। इसके आने के बाद तो वाहनों के उत्पादन से लेकर बिक्री तक का काम पुरी तरह बेपटरी हो गया। नवरात्र से लेकर दिपावली तक चले त्योहारी सीजन ने इस क्षेत्र को गति देने का काम किया। उसी का परिणाम है कि आटोमोबाइल कारोबार अब पटरी पर आ चुका है। हालांकि, उद्यमियों का कहना है कि यह गतिशीलता बराबर बनी रहे, इसे लेकर वर्ष 2021-22 के आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को कुछ विशेष प्रावधान करने होगें। इस समय जिस प्रकार से कच्चे माल की कीमत बढ़ी है, उससे उद्योग जगत की चिता को काफी बढ़ा दिया है। बजट में ऐसे उपाय जरूर किए जाएं, जिससे कच्चे माल के भाव हमेशा नियंत्रण में रहें।

साइबर सिटी के उद्यमियों की सलाह है कि वित्त मंत्री आटोमोबाइल पर प्रभावी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की दर को घटाकर इस क्षेत्र में मांग को बढ़ाने का काम कर सकती हैं। उनका कहना है कि ऐसा करना जरूरी भी है। क्योंकि त्योहारी सीजन से बाजार में वाहनों की मांग बढ़ी है। इस प्रकार का माहौल कब तक रहेगा, इसे लेकर कुछ ठोस नहीं कहा जा सकता है। ऐसी स्थिति में इस क्षेत्र की गतिशीलता को बनाए रखने के लिए कुछ अतिरिक्त उपाय की जरूरत होगी। अभी वाहनों के निर्माण से लेकर सेल प्वाइंट तक पर 28 प्रतिशत जीएसटी है। उद्यमियों की मांग इसे 18 प्रतिशत करने की है। बजट में यह मांग मान ली जाती है तो इससे वाहनों की बिक्री बढ़ने के साथ-साथ इस क्षेत्र की कंपनियों में युवाओं के लिए रोजगार के दरवाजे भी खुलेंगे।

--

आम बजट 2021-22 से आटोमोबाइल क्षेत्र को काफी उम्मीदें हैं। लंबे समय बाद यह क्षेत्र अब तेजी देख रहा है। इसे सतत बनाए रखने के लिए आम बजट में जरूरी प्रावधान किए जाने की जरूरत है। एसोसिएशन की ओर से मैं केंद्रीय वित्त मंत्री को यह सुझाव देना चाहता हूं कि इस क्षेत्र पर प्रभावी जीएसटी की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए।

-पवन यादव, अध्यक्ष, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, मानेसर

--

इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने की भी जरूरत है। इसे लेकर आधारभूत संरचना का विकास होना चाहिए। वहीं कच्चे माल की बढ़ती कीमतों से उद्योग जगत काफी परेशान है। आटोमोबाइल क्षेत्र में इसका बड़ा असर पड़ रहा है। इससे तो छोटे उद्योगों की हालत काफी खराब होती जा रही है।

-जेएन मंगला, अध्यक्ष, गुड़गांव इंडस्ट्रियल एसोसिएशन

--

स्टील, एल्युमिनियम, प्लास्टिक और रबर सहित अन्य कच्चे माल की कीमतों में जिस प्रकार से 25 से 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है, उससे आटोमोबाइल क्षेत्र की चिता बढ़ गई है। बजट में इस प्रकार से व्यवस्था की जाए जिससे कि कच्चे माल की कीमत हमेशा नियंत्रण में रहे। वहीं स्क्रैपेज पालिसी जल्द से जल्द लाने की जरूरत है।

-दीपक मैनी, प्रदेश महासचिव, फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज

--

कोरोना महामारी से आटोमोबाइल क्षेत्र काफी प्रभावित हुआ है। कई माह तक इस क्षेत्र के उद्योगों में उत्पादन प्रभावित रहा। अप्रैल तो ऐसा रहा कि देश भर में किसी आटोमाबाइल में न तो कोई वाहन बना और न ही कोई बिका। बजट में ऐसा प्रावधान किया जाए, जिससे कि यह क्षेत्र कोरोना पूर्व की स्थिति में आ सके।

-प्रवीण यादव, अध्यक्ष, गुड़गांव उद्योग एसोसिएशन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.