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मच्छर मारने के लिए 72 तालाबों में डाली गईं गंबूजिया मछली

मानसूनी बारिश शुरू हो चुकी है। ऐसे मौसम में मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया डेंगू व चिकनगुनिया फैलने का खतरा बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 05:49 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 05:49 PM (IST)
मच्छर मारने के लिए 72 तालाबों में डाली गईं गंबूजिया मछली
मच्छर मारने के लिए 72 तालाबों में डाली गईं गंबूजिया मछली

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: मानसूनी बारिश शुरू हो चुकी है। ऐसे मौसम में मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया फैलने का खतरा बढ़ गया है। इन बीमारियों को नियंत्रित करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के 72 तालाबों में गंबूजिया मछलियां डाली गई हैं। यह मछलियां मच्छरों के लार्वा को नष्ट करती हैं। उन्हें खुले पानी में पनपने से रोकती हैं।

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इस बात की जानकारी बृहस्पतिवार को सिविल सर्जन डॉ. विरेंद्र यादव ने दी। उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में जलभराव वाले स्थानों पर मच्छर पैदा होने और उन मच्छरों के काटने से बीमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है। हाल ही में गांव वजीराबाद, घाटा, उल्लावास, टिकली और पलड़ा सहित अन्य गांवों के तालाबों में गंबूजिया मछलियां डाली गई हैं। एक तालाब में कम से कम 100 मछलियां डाली गई हैं।

एक अध्ययन के मुताबिक एक मछली प्रतिदिन कम से कम 100 से 300 मच्छरों के लार्वा को खाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 153 तालाब और जोहड़ हैं, जिनमें से 117 स्थायी व 36 अस्थायी तालाब हैं। अस्थाई तालाबों में केवल बारिश के समय में जलभराव होते हैं। इन सभी तालाबों में यह मछलियां डाली जाएंगी।

सिविल सर्जन ने बताया कि मई से सितंबर के बीच मलेरिया व डेंगू का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में बिना कोई केमिकल इस्तेमाल किए ईको फ्रेंडली तरीके से मच्छरों को पनपने से रोका जाता है। मछलियों को तालाब में डालने से वहां का पानी तो साफ होता ही है साथ ही मच्छर भी नहीं पनप पाते हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों से अपील की जा रही है कि बारिश के मौसम में अपने घर कूलर, खाली पड़े गमले, टायर या आसपास पानी एकत्र नहीं होने दें, क्योंकि डेंगू का मच्छर अक्सर साफ पानी में पनपता है।


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