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हैंडबॉल का पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी हथियारों के साथ गिरफ्तार

हैंडबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे झज्जर जिले के गांव बाडसा निवासी मंजीत उर्फ काले को क्राइम ब्रांच फरुखनगर की टीम ने बुधवार शाम गांव धनकोट के नजदीक से चार अवैध हथियारों (तीन देशी पिस्तौल 32 बोर व एक देशी पिस्तौल 9एमएम) से गिरफ्तार किया है। राजेंद्रा पार्क थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराकर बृहस्पतिवार दोपहर अदालत में पेश किया गया जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 07:08 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:59 AM (IST)
हैंडबॉल का पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी हथियारों के साथ गिरफ्तार
हैंडबॉल का पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी हथियारों के साथ गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: हैंडबॉल के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे झज्जर जिले के गांव बाडसा निवासी मंजीत (काले) को क्राइम ब्रांच फरुखनगर की टीम ने बुधवार शाम गांव धनकोट के नजदीक से चार अवैध हथियारों (तीन देसी पिस्तौल 32 बोर व एक देसी पिस्तौल 9एमएम) समेत गिरफ्तार कर लिया। राजेंद्रा पार्क थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज कराकर बृहस्पतिवार दोपहर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भोंडसी जेल भेज दिया गया।

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मुखबिर से सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के मुताबिक आरोपित सट्टेबाजी के गोरखधंधे से जुड़ा है। वह वर्ष 2014-15 के दौरान सट्टे में लगभग ढाई करोड़ रुपये हार गया था। लोग कर्ज वापस मांगते हुए उसे धमकी देने लगे। धमकी से तंग आकर वह उज्जैन गया और वहां से दो लाख रुपये में हथियार खरीदकर ले आया। वह बीए पास है। 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई उसने सल्हावास स्थित एक निजी स्कूल में की। पढ़ाई करते हुए उसने तीन बार राष्ट्रीय स्तर की हैंडबॉल प्रतियोगिता में भाग लिया। खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के कारण भिवानी के एक स्कूल ने उसे अपने यहां दाखिला दिया। 12वीं कक्षा तक वहीं से पढ़ाई की। इस स्कूल से भी आरोपित ने 2 बार राष्ट्रीय स्तर तक खेला।

रेवाड़ी स्थित एक कॉलेज से बीए तक की पढ़ाई की। कॉलेज में पढ़ाई करते हुए मंजीत ने दो बार इंटर-यूनिवर्सिटी एवं एक बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इसमें टीम तीसरे स्थान पर रही थी। लिगामेंट फ्रैक्चर होने के बाद उसने खेलना छोड़ दिया और फाइनेंस का काम करने लगा। गांव धनकोट के नजदीक एक प्लाट लेकर अपना काम शुरू किया लेकिन कम से कम समय में अधिक पैसा कमाने के लिए सट्टेबाजी के धंधे से जुड़ गया। सट्टे में हार की वजह से काफी लोगों से उसने कर्ज ले लिया।

मंजीत सट्टेबाज व अन्य लोगों को भी कर्ज पर पैसे देता था। काफी कर्ज इसके पिता ने जमीन बेचकर चुका दिया लेकिन जिनके कर्ज नहीं चुका सका, वे लोग धमकी देने लगे। उसे डर था कि कहीं कोई उसकी हत्या न करा दे। सहायक पुलिस आयुक्त (क्राइम) शमशेर सिंह ने बताया कि आरोपित के खिलाफ झज्जर इलाके में एक व्यक्ति के साथ लड़ाई का मामला दर्ज है। इसके अलावा अन्य किसी वारदात में उसका नाम नहीं आया है।


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